facebookmetapixel
Share Market Today: साल 2025 के आखिरी कारोबारी दिन कैसी रहेगी बाजार का चाल? GIFT निफ्टी सपाट; एशियाई बाजारों में गिरावटStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड में

वायदा कारोबार पर अड़ंगा!

Last Updated- December 06, 2022 | 9:04 PM IST

सरकार कुछ खाद्य पदार्थों के वायदा कारोबार पर रोक लगा सकती है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर संसद की राय होती है कि कुछ खाद्य वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगा सकती है।


स्पेन की राजधानी मैड्रिड में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा है कि यदि कुछ लोग सही तरीके से या गलत तरीके से सट्टेबाजी के जरिये कीमतों में तेजी लाने के पीछे काम कर रहे हैं तो एक लोकतंत्र होने के नाते भारत इसको किसी भी तरह से हल्के  में नहीं लेगा।


गौरतलब है कि इस समय महंगाई दर पूरे उफान पर है। सरकार इसको काबू में करने की पूरी कोशिशों में जुटी है लेकिन उसके बहुत उल्लेखनीय परिणाम सामने नहीं आए हैं। इस साल चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव हैं। इसको देखते हुए कांग्रेसनीत संयुक्त प्र्रगतिशील गठबंधन सरकार कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती है।


महंगाई के चलते सरकार को समर्थन दे रही वामपंथी पार्टियां भी लाल-पीली हो रही हैं। वाम दल और अन्य पार्टियां सरकार पर कुछ खाद्य वस्तुआें के वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं। इनमें खाद्य तेल, चीनी और दूसरी कई वस्तुएं शामिल हैं। सरकार ने पिछले साल गेहूं और चावल के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी थी। वित्त मंत्री ने कहा है कि कुछ और खाद्य वस्तुओं के वायदा कारोबार पर रोक लगाने के लिए दवाब बना हुआ है।


वायदा बाजार का जिसों की कीमतों पर प्रभाव के लिए सरकार ने योजना आयोग के सदस्य अभिजीत सेन के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है। जिसकी रिपोर्ट भी सरकार को मिल चुकी है। वैसे इस बात की पूरी संभावना है कि चावल और गेहूं के वायदा कारोबार पर लगी रोक बरकरार रहेगी। इस रिपोर्ट में किसी और जिंस के वायदा कारोबार पर रोक लगाने की बात नहीं की गई है। इसमें इस बात के भी प्रमाण नहीं मिले हैं कि वायदा कारोबार किसी भी तरह से कीमतें बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।


दरअसल वायदा कारोबार वह है जिसमें किसी किसी  जिंस को किसी विशेष तारीख पर विशेष कीमत पर खरीदा और बेचा जाता है। भारत में 2003 से जिंसों की ऑनलाइन खरीद शुरू हो चुकी है। वैसे अभी भारत में यह नई शुरूआत है। भारत में कमोडिटी एक्सचेंजों में अभी बड़ी कंपनियां और कारोबारी ही लगे हुए हैं। और एक तरफ जहां शेयर बाजार में 1.3 करोड़ छोटे-बड़े निवेशक कारोबार में लगे हुए हैं। इस तुलना में कमोडिटी एक्सचेंजों में कम कारोबार है।


वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल महंगाई की मार से बचने का रास्ता नहीं दिख रहा है और अगले कुछ हफ्तों तक महंगाई दर के नीचे आने के आसान नजर नहीं आ रहे हैं। महंगाई दर ने इस समय पिछले तीन साल के रेकॉर्ड को पार कर लिया है और फिलहाल यह 7.57 फीसदी के स्तर पर बनी हुई है। खुद अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा है कि इस समय महंगाई पर लगाम कसना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है।


देश का केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक भी अपनी ओर से महंगाई पर नकेल कसने की कोशिश कर रहा है। दूसरी ओर वित्त मंत्री ने कहा है कि भारत में महंगाई दर केवल 4 फीसदी के आसपास ही होनी चाहिए। वैसे पिछले कुछ महीनों में सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाने की काफी कोशिशें की हैं।

First Published - May 5, 2008 | 12:50 AM IST

संबंधित पोस्ट