कभी कालीन उद्योग में अग्रणी स्थान रखने वाला भारत अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीन के आगे पिछड़ गया था, लेकिन अब एक अमेरिकी कंपनी पेरेनियल्स ने भारतीय बुनकरों को बेहतरीन सुविधाएं और तकनीक देकर प्रीमियम कालीन के वैश्विक बाजार में सबको पीछे छोड़ दिया है। वैश्विक बाजार में पैर जमाने के बाद पेरेनियल्स अब भारतीय बाजार में भी अपनी कालीन बिक्री शुरू करने की योजना तैयार कर रही है।
पेरेनियल्स भारत में कालीन उद्योग को स्थापित करने के लिए अभी तक 100 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एन सदरलैंड ने कहा कि भारत में हमारे लिए बड़ी संभावना है। उन्होंने कहा कि कालीन बनाने की पारंपरिक भारतीय शैली का इस्तेमाल कर हम खूबसूरत कालीन तैयार करके उसे दुनिया भर में उपलब्ध करा रहे हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कालीन उद्योग में लगे कारीगरों को पेरेनियल्स मंच प्रदान कर रही है। अब तक हम भारतीय बाजार में अपने उत्पादों की बिक्री नहीं कर रहे थे, लेकिन अब यहां भी उत्पाद उपलब्ध होंगे। इसके लिए पेरेनियल्स ने एशिया का पहला शोरूम दक्षिण मुंबई के कोलाबा में शुरू किया है।
भारत में तैयार किए जा रहे कालीन अमेरिका, कनाडा, इग्लैंड, फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, इटली, चीन, ऑस्ट्रेलिया सहित 12 देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। कोरोना महामारी के बावजूद कंपनी ने इस साल करीब 60 करोड़ रुपये के कालीन निर्यात किए हैं। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक गुजरात के वडोदरा में कंपनी ने 2018 में अपनी उत्पादन इकाई शुरू की थी, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बुनकरों को साथ लेकर काम शुरू किया गया। कंपनी के कारीगरों में से एक मिर्जापुर के सरफराज बताते हैं कि कंपनी ने मुझे मिस्र भेज कर कालीन बनाने के लिए प्रशिक्षित किया और आज हमारे दिन बदल गए हैं। अब हम एक कॉर्पोरेट कंपनी में अच्छे वेतन के साथ काम कर रहे हैं।
कंपनी के प्रबंध निदेशक अमोल बिनीवाले कहते हैं कि हमने अपने कालीन उद्योग की शुरुआत 300 कारीगरों से की थी, जो इस समय 550 हो गया है और अगले तीन महीनों में कारीगरों की संख्या बढ़कर 1,000 हो जाएगी। उन्होंने बताया फिलहाल हम वडोदरा में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार के कारीगरों द्वारा निर्मित कालीन दुनिया के 12 देशों में निर्यात कर रहे हैं। ये कालीन भारतीय कारीगरों के बेहतरीन हस्तकला से तैयार होते हैं, जो दुनिया के लिए एक मिसाल होते हैं। इसीलिए महंगे होने के बावजूद दुनिया भर में इनकी मांग बहुत ज्यादा है। बिनीवाले के मुताबिक अब तक भारत में जो कालीन तैयार किए जाते थे, वे निर्यात किए जाते थे, लेकिन अब कंपनी भारतीय बाजार में भी अपने कालीन बेचेगी। इसके लिए मुंबई के कोलोबा में कंपनी ने अपने पहला शोरुम खोला है और इसी साल अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली में भी शोरुम खोलने की तैयारी है, जबकि अगले साल बेंगलूरु में भी कंपनी अपना शोरुम खोलेगी।
परेनियल्स के वडोदरा उत्पादन इकाई में जो कालीन तैयार किए जाते हैं, उसके लिए सारा धागा अमेरिका से ही आता है, लेकिन कंपनी आने वाले दिनों में धागा उत्पादन भी शुरू कर सकती है। एन सदरलैंड कंपनी के बारे में बताती हैं कि पेरेनियल्स ने वर्ष 2018 में वडोदरा कालीन उत्पादन शुरू किया था। इसके लिए 60,000 वर्ग फुट में उत्पादन इकाई तैयार की गई थी, लेकिन फरवरी 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भारत यात्रा के दौरान कंपनी के विस्तार की घोषणा की। मेक इन इंडिया के तहत हमने पेरेनियल्स इंडिया की उत्पादन इकाई का विस्तार करके एक लाख पांच हजार वर्ग फुट किया। इसी के तहत भारत में शोरुम भी खोले जा रहे हैं और अगले दो से तीन साल में भारत में धागा उत्पादन भी शुरू किया जाएगा।