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तीन राज्यों में बढ़ी कृषि श्रमिकों की आत्महत्या

Last Updated- December 11, 2022 | 11:52 PM IST

कृषि क्षेत्र में लगे लोगों में से 2020 में कुल 10,677 व्यक्तियों ने आत्महत्या की है, जो 2019 में ऐसी घटनाओं की तुलना में 3.85 प्रतिशत ज्यादा है। इनमें से 5,579 किसान हैं, जिनका पेशा खेती है, चाहे वह अपनी जमीन पर या बटाई जमीन लेकर खेती करते हैं। ये आंकड़े 2019 की तुलना में 6.69 प्रतिशथ कम हैं। बहरहाल अगर इसमें कृषि क्षेत्र में कृषि श्रमिकों को भी शामिल किया गया है। 2020 में 5,098 कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की है, जो 2019 की तुलना में करीब 18 प्रतिशत ज्यादा है। आंकड़ों की सूचना देने वाले बड़े कृषि राज्यो में मध्य प्रदेश और तमिलनाडु छोड़कर सभी राज्यों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या कम हुई है। लेकिन कृषि श्रमिकों की आत्महत्या के आंकड़े देखने से पता चलता है कि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश को छोड़कर सभी बड़े राज्यों में आत्महत्या करने वाले श्रमिकों की संख्या बढ़ी है। केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में कृषि मजदूरों की आत्महत्या सबसे ज्यादा बढ़ी है।    

First Published - October 29, 2021 | 11:37 PM IST

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