दो महीने की लगातार तेजी के बाद मई में रुपये में एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी व्यापार नीतियों में अनिश्चितता, अन्य एशियाई मुद्राओं में तेजी और भारत-पाकिस्तान संघर्ष के कारण रुपये में गिरावट आई है।
शुक्रवार को रुपया उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में मामूली गिरावट के साथ 85.57 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। मई के शुरू में रुपया छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन महीने के दौरान इसने बढ़त गंवा दी।
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शुरू में भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के कारण इसमें गिरावट आई। मगर दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के बाद इसमें तेजी आ गई। व्यापारियों ने कहा कि महीने के बाकी दिनों में कॉरपोरेट और विदेशी बैंकों की डॉलर मांग ने रुपये पर दबाव डाला। व्यापारी के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक की डॉलर खरीद ने भी रुपये को 84.60 से 84.80 के दायरे से ऊपर जाने पर अंकुश लगाया। इस बीच, चीन के साथ समझौते से अमेरिकी व्यापार नीतियों में आई नरमी के कारण डॉलर महीने के अंत में थोड़ा मजबूत हुआ।