निजी कंपनियों के लिए खदान और कोयला बिक्री की भारत की पहली कोयला खदान नीलामी को तकनीकी राउंड में 46 कंपनियों से 82 बोलियां प्राप्त हुई हैं। अपनी बोलियां सौंपने वाली प्रमुख कंपनियों में अदाणी माइनिंग, एस्सेल माइनिंग, हिंडाल्को और कई नई और एमएसएमई क्षेत्रों तथा गैर-कोयला उद्योगों की कंपनियां भी शामिल हैं।
नई कंपनियों में आंध्रा मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने भी दो खदानों में दिलचस्पी दिखाई है।
ये बोलियां कोयला मंत्रालय द्वारा पहली वाणिज्यिक कोयला नीलामी के लिए पेश 38 में से 23 कोयला ब्लॉकों के लिए मिली हैं। 20 ब्लॉकों के लिए दो बोलीदाताओं से ज्यादा ने दिलचस्पी दिखाई है।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कोयला नीलामी के तकनीकी राउंड में सबसे ज्यादा बोलियां मिली हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘निजी इस्तेमाल के लिए कोयला ब्लॉकों की नीलामी के शुरुआती चरणों में किसी एक राउंड में इतनी ज्यादा दिलचस्पी कभी नहीं देखी गई थी। इससे कोयला ब्लॉकों के आवंटन की इस पारदर्शी प्रक्रिया में भारतीय उद्योग जगत के भरोसे का पता चलता है।’
यह नीलामी दो हिस्से वाले राउंड – तकनीकी और वित्त से जुड़ी हुई है। कोयला नीलामी के लिए नामित अधिकारी (कोयला मंत्रालय से संयुक्त सचिव स्तर का) तकनीकी बोलियों का मूल्यांकन करेगा। तकनीकी राउंड में बोलीदाताओं को अपनी पात्रता शर्तें सौंपने की जरूरत थी। ये तकनीकी बोलियां कल खुलेंगी और पात्र बोलीदाता दूसरे राउंड में हिस्सा लेने में सक्षम होंगे।
वाणिज्यिक कोयला खनन के लिए निविदा दस्तावेज के अनुसार, नीलामी में भागीदारी के लिए कोई सख्त पात्रता शर्त नहीं है। इसके लिए कंपनियों/संयुक्त उपक्रमों को भारत में पंजीकृत होना चाहिए। हालांकि पिछले महीने केंद्र ने चीन समेत पड़ोसी देशों को वाणिज्यिक कोयला नीलामी में भागीदारी से प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया था। वित्तीय बोली प्रक्रिया के लिए दूसरे राउंड में दो चरण शामिल हैं।
तकनीकी तौर पर पात्र बोलीदाताओं का शुरुआती ऑफर सफल बोलीदाताओं के निर्धारण के लिए घटते क्रम में स्थान दिया गया है। ये पात्र बोलीदाता ई-नीलामी में भाग लेने और अपना निर्णायक प्रस्ताव सौंपने के लिए योग्य हैं। ई-नीलामी अक्टूबर में शुरू होगी और निर्णायक विजेताओं की घोषणा नवंबर में की जाएगी।