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पाबंदी के बाद भी 70 लाख टन गेहूं निर्यात

Last Updated- December 11, 2022 | 6:21 PM IST

भारत से गेहूं के निर्यात पर पाबंदी में जो अपवाद हैं, उनके चलते 2022-23 में निर्यात 70 लाख टन रहने का अनुमान है। यह बीते पांच साल में भारत के औसत निर्यात से अधिक होगा। संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी ‘द फूड ऐंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) ने यह कहा। इन अपवादों में पहले तय हो चुकीं अनुबंध प्रतिबद्धताएं, सरकार से सरकार को बिक्री और खाद्य सुरक्षा के उद्देश्य से किया जाने वाला निर्यात शामिल है।
एफएओ ने गुरुवार को खाद्य परिदृश्य जारी किया जिसमें कहा गया कि वैश्विक गेहूं बाजार 2022-23 का सत्र बहुत अधिक अनिश्चितता के बीच शुरू हो रहा है। इसमें कहा गया कि यूक्रेन में जारी लड़ाई, कई देशों में कारोबार नीति परिवर्तनों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंची कीमतें गेहूं बाजार के परिदृश्य को आकार देंगे। खाद्य एजेंसी ने कहा कि गेहूं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें 2008 के बाद अब इतनी बढ़ी हैं जिनका कारण है कुछ प्रमुख निर्यातक देशों में उपज की कमी से वैश्विक उपलब्धता कम होना, यूक्रेन और भारत समेत गेहूं निर्यात नहीं होना। 

First Published - June 11, 2022 | 12:52 AM IST

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