सरकार ने इस अंतरिम बजट में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए भी पिछले साल के मुकाबले इजाफा किया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए किए जाने वाले आवंटन में 9 फीसदी का इजाफा किया गया है।
वर्ष 2008-09 के संशोधित आकलन के 3,01,460 करोड़ रुपये के मुकाबले अगले वित्तीय वर्ष 2009-10 में बजट अनुमान 3,29,614 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वर्ष 2009-10 में केंद्रीय करों में राज्य सरकार का हिस्सा 1,71,197 करोड़ रुपये होगा जो वर्ष 2008-09 के बजट अनुमान 1,78,765 करोड़ रुपये से 4 फीसदी कम है।
हालांकि यह मौजूदा वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान 1,60,179 करोड़ से 6 फीसदी ज्यादा है। 12वें वित्त आयोग के उपाए गए सुझावों के तहत केंद्र सरकार कुल कर राजस्व का 30 फीसदी राज्यों को देती है। राज्यों को वित्तीय सुधार और खर्च प्रबंधन के लिए कर राजस्व को अवॉर्ड के रूप में दिया जाता है।
बारहवें वित्त आयोग के अवॉर्ड की अवधि 2009-10 में खत्म होने वाली है। वर्ष 2010-15 के लिए केंद्रीय करों में राज्यों का हिस्सा तेरहवें वित्त आयोग की सिफारिशों से ही तय होंगी। तेरहवें वित्त आयोग की रिर्पोट इस साल नवंबर तक आने की उम्मीद है।
केंद्र के कर राजस्व में हिस्से के अलावा राज्यों को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित स्कीम के लिए भी केंद्र सरकार का सहयोग मिलता है। इसके अलावा राज्यों को केंद्र से दूसरे खर्चो के लिए भी गैर-योजना अनुदान और कर्ज मिलता है। राज्यों के गैर-योजना अनुदान और कर्जो में भी 7 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।
गैर-योजना अनुदान और कर्जो के लिए वर्ष 2009-10 का बजट अनुमान 46,716 करोड़ रुपये है जबकि 2008-09 में यह 43,383 करोड़ रुपये था। हालांकि यह 2009-10 के संशोधित अनुमान 38,510 करोड़ रुपये से 21 फीसदी ज्यादा है।
केंद्र और केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए केंद्रीय सहयोग में भी 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ वर्ष 2009-10 का बजट अनुमान 23,176 करोड़ रुपये था जबकि 2009-10 के लिए संशोधित आकलन 21,977 करोड़ रुपये था। हालांकि वर्ष 2008-09 के बजट अनुमान 25620 करोड़ रुपये से 9 फीसदी कम है।
राज्यों को मुहैया कराए जाने वाले संसाधनों की सलाना वृद्धि को देखें तो हम पाएंगे कि वर्ष 2003-04 में 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद पहले साल में वर्ष 2005-06 में 37 फीसदी की तेजी आई है।
उसके बाद 2006-07 और 2007-08 में 2 फीसदी की मामूली बढ़त हुई। लेकिन वर्ष 2008-09 में इसमें 10 फीसदी की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। यह वर्ष 2007-08 के 2,68,773 करोड़ रुपये के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 3,01,460 करोड़ रुपये हो गया।
पांच केंद्र शासित प्रदेशों मसलन अंडमान निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नागर हवेली, दमन और दीव और लक्षद्वीप के खर्चो में 41 फीसदी का इजाफा कर वर्ष 2009-10 में 5553.05 करोड़ रुपये कर दिया गया जो वर्ष 2008-09 के बजट अनुमान में 3914.29 करोड़ रुपये था।
मौजूदा वित्तीय वर्ष में राज्यों को दिए जाने वाले शुद्ध संसाधन (कर्ज की रिकवरी और अग्रिम को छोड़कर) में भी 2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह वर्ष 2008 के बजट अनुमान 3,04,960 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,11,146 करोड़ रुपये हो गया है।
इसके अलावा राज्यों को दिए जाने वाले शुद्ध संसाधनों में भी वर्ष 2008-09 के संशोधित अनुमान 2,93,361 करोड़ रुपये से 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।