Budget 2025: आम बजट में छोटे उद्यमियों (MSME) की कई सौगातें दी गई है। इन उद्यमियों को गारंटी के साथ कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने से लेकर इनकी परिभाषा के लिए तय कारोबार निवेश सीमा में वृद्धि की गई है। साथ ही बहुत छोटे यानी सूक्ष्म उद्यमियों के लिए क्रेडिट कार्ड का ऐलान भी किया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2025-26 में एमएसएमई को क्रेडिट गारंटी कवर पर बड़ी राहत देने की घोषणा की है। बजट में सूक्ष्म व लघु उद्यमियों के लिए पहले क्रेडिट गारंटी कवर की सीमा 5 करोड़ रुपये थी, इस आम बजट में इसे बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये करने का प्रावधान किया गया है। इसका मतलब हुआ कि इतने कर्ज की गारंटी सरकार देगी। क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ने से सूक्ष्म व छोटे उद्यमियों को अगले 5 साल में 1.5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध होगा। स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी कवर की सीमा 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये की गई है।
वित्त मंत्री ने आम बजट में बहुत छोटे यानी माइक्रो/सूक्ष्म उद्यमियों के लिए भी बड़ा ऐलान किया है। बजट में इन उद्यमियों को क्रेडिट कार्ड जारी करने का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि हम उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमियों को 5 लाख रुपये सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड शुरू करेंगे। पहले वर्ष में 10 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
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आम बजट में पहली बार के उद्यमियों के लिए नई योजना का ऐलान किया गया है। बजट भाषण में कहा गया है कि 5 लाख महिला, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इससे अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण (term loan) उपलब्ध होगा। इस योजना में सफल स्टैंड-अप इंडिया से प्राप्त अनुभवों को शामिल किया जाएगा। उद्यमशीलता और प्रबंधकीय कौशलों के लिए ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
बजट में एमएसएमई को अधिक व्यापक पैमाने पर दक्षता, प्रौद्योगिकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच की सुविधा पाने में उनकी सहायता करने के उद्देश्य से सभी एमएसएमई के लिए वर्गीकरण संबंधित निवेश व कारोबार की सीमाओं को क्रमश: 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया गया है। सूक्ष्म उद्योग के लिए निवेश सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर 2.5 करोड़, लघु के लिए 10 करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ और मध्यम के लिए 50 करोड़ से बढ़ाकर 125 करोड़ रुपये की गई है। आम बजट में कारोबार के मामले में सूक्ष्म के लिए यह सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़, लघु के लिए 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये और मध्यम के लिए 250 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।