facebookmetapixel
कर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्लीपर बस और लॉरी में भयंकर टक्कर, आग लगने से 10 लोग जिंदा जलेStock Market: क्रिसमस के चलते आज शेयर बाजार बंद, BSE-NSE और MCX में नहीं होगी कोई ट्रेडिंगToday’s Weather: कोहरा, सर्दी और जहरीली हवा – क्रिसमस के दिन आज कैसा रहेगा मौसम का मिजाज?राजधानी की कनेक्टिविटी को नई रफ्तार: दिल्ली मेट्रो के विस्तार पर मुहर, ₹12 हजार करोड़ से ज्यादा होंगे खर्चगोवा से शिमला तक हाउस फुल! साल के अंत में होटल उद्योग ने दिखाई तेजी, दिसंबर में बुकिंग 30% तक बढ़ीकंपनियां डार्क पैटर्न के नए तरीके अपना रहीं, पर उपभोक्ता मंत्रालय की कड़ी नजर: प्रह्लाद जोशीRBI के ₹2 लाख करोड़ OMO ऐलान से बॉन्ड बाजार में भूचाल, 10 साल की यील्ड 6.54% पर फिसलीYear Ender 2025: ट्रंप की सनक, ग्लोबल संकट और युगांतकारी बदलावों का सालहायर इंडिया में 49% हिस्सेदारी लेंगी भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस, स्थानीय उत्पादन और इनोवेशन को मिलेगी रफ्तारटॉप 1,000 में 60% शेयरों में नुकसान, निवेशकों ने आईपीओ और सोने की ओर रुख किया

मायटास परियोजनाओं की होगी समीक्षा : आंध्र मुख्यमंत्री

Last Updated- December 09, 2022 | 9:17 PM IST

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी का कहना है कि राज्य में मायटास इन्फ्रा या उसके समूह की सार्वजनिक परियोजनाओं की करीबी जांच की जाएगी।
सत्यम और उसकी सहायक कंपनियों के साथ उनकी सरकार पर लगाए जाने वाले आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमने पहले ही राज्य मुख्य सचिव को मायटास इन्फ्रा को या संयुक्त उपक्रम में साझेदारी में मिली परियोजनाओं की समीक्षा के लिए कह दिया है।’
सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के संस्थापक रामलिंग राजू और उनके परिवार की मायटास इन्फ्रा में 36 फीसदी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा, ‘सरकार पहले ही मायटास इन्फ्रा और उसके साझेदारों की कार्यान्वयन क्षमताओं का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। यह परियोजनाओं के हर पहलू पर विचार करेगी कि क्या कंपनी (मायटास इन्फ्रा) और उसके समूह साझेदारों में परियोजनाओं को चला सकते हैं या परियोजनाओं पर संकट मंडरा रहा है।’
मायटास और उसकी संयुक्त उपक्रम में साझेदारी के साथ कंपनी के पास कुल 3,800 करोड़ रुपये कीमत की परियोजनाएं हैं। उनका कहना है, ‘इस तहकीकात में 12,000 करोड़ रुपये वाली हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना और 1,50650 करोड़ रुपये वाली मछलीपत्तनम बंदरगाह परियोजना शामिल है, जिनमें मायटास इन्फ्रा अग्रणी साझेदार है।’
हैदराबाद मेट्रो रेल परियोजना वाले समूह में मायटास (26 प्रतिशत), नवा भारत वेंचर्स (16 प्रतिशत), इटल-थाई (5 प्रतिशत) और आईएलऐंडएफएस (5 प्रतिशत) शामिल है। इसके अलावा इस परियोजना में बाकी बची 48 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक या दूसरे स्रोतों के पास होगी।
मछलीपत्तनम परियोजना में राज्य सरकार ने मायटास को 3 वर्ष के लिए 111 करोड़ रुपये की व्यवाहर्यता अंतर निधि देने की मंजूरी दी है। इस परियोजना में मायटास की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत, श्रेई इन्फ्रास्ट्रक्चर की हिस्सेदारी 38 और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन और शरत चटर्जी ऐंड कंपनी की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत है।
रेड्डी का कहना है कि मायटास या उसके अग्रणी समूह के साथ किए गए सभी रियायती करारों में एक क्लॉज है, जिसके तहत अगर कंपनी परियोजना को पूरा करने में नाकामयाब होती है तो कंपनी या उसके संयुक्त उपक्रम में साझेदार किसी भी तरह के कानूनी परिणाम के लिए जिम्मेवार होंगे।
मुख्यमंत्री का कहना है, ‘हम मायटास और उसके समूह के साझेदारों पर आगे की कार्रवाई का फैसला तब लेंगे जब हमें मुख्य सचिव से विस्तृत जानकारी मिल जाएगी।’ इसके अलावा सरकार ने अपने अधिकारियों को मायटास कंपनियों को आगे किसी भी काम के लिए मंजूरी न देने के आदेश दिए हैं। रेड्डी ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि वे सत्यम और उसके शेयरधारकों के 53,000 कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए जल्द कदम उठाएं।

First Published - January 12, 2009 | 6:20 PM IST

संबंधित पोस्ट