वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर प्रणाली के ढांचे में बदलाव की घोषणा की है। इससे वित्त वर्ष 2024-25 में नई कर प्रणाली अपनाने वाले करदाताओं को अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा। सिंघानिया ऐंड कंपनी में पार्टनर ऋतिका नायर ने कहा, ‘कर स्लैब की सीमा में थोड़ा सा बदलाव किया गया है, जबकि कर की दरें यथावत रखी गई हैं। इस तरह के बदलाव से आयकर दाताओं को करीब 17,500 रुपये कर की बचत होने की उम्मीद है।’
कर का स्लैब बदला
पहले 3 लाख से लेकर 6 लाख रुपये आमदनी वाले स्लैब पर 5 प्रतिशत कर लगता था। अब 3 से 7 लाख रुपये के बीच आमदनी पर कर की यह दर लागू होगी। इसी तरह से 6 से 9 लाख रुपये आमदनी पर पर 10 प्रतिशत कर लगता था। अब इस सीमा को बदलकर 7 से 10 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है। 9 से 12 लाख रुपये के स्लैब को बदलकर अब 10 से 12 लाख रुपये कर दिया गया है, जिस पर 15 प्रतिशत कर लगेगा।
मानक कटौती बढ़ी
धारा 115 बी के तहत नई कर प्रणाली में बने रहने का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50,000रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी गई है। टैक्समैन में रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के वाइस प्रेसीडेंट नवीन वाधवा ने कहा, ‘पुरानी कर प्रणाली अपनाने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती 50,000 रुपये होगी।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान कर दाखिल करने वाले लोगों में दो तिहाई से ज्यादा ने नई व्यक्तिगत आयकर प्रणाली को अपनाया है। उपरोक्त बदलावों के कारण नई कर प्रणाली अब और आकर्षक हो गई है।
वेद जैन ऐंड एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन ने कहा, ‘इन समायोजनों (कर स्लैब और मानक कटौती) से करीब 20 लाख रुपये सालाना वेतन पाने वाले वेतनभोगियों को करीब 18,000 रुपये कम कर देना पड़ेगा। वहीं इतनी ही आमदनी वाले गैर वेतनभोगी व्यक्तियों की बचत करीब 10,000 रुपये होगी।’
नियोक्ता एनपीएस में कटौती की सीमा बढ़ी
वित्त मंत्री द्वारा घोषित महत्त्वपूर्ण बदलावों में राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत नियोक्ता के अंशदान के तहत कटौती बढ़ा दी गई है। इसे वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है। जैन ने कहा, ‘यह लाभ दोनों कर प्रणाली के तहत उपलब्ध होगा।’
मैक्स लाइफ पेंशन फंड मैनेजमेंट में मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) रणभीर सिंह धारीवाल ने कहा, ‘एनपीएस में नियोक्ता के अंशदान में प्रस्तावित बढ़ोतरी से नियोक्ताओं की ओर से अपने कर्मचारियों को दी जाने वाली दीर्घावधि वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा बढ़ी है।’
बजट 2024 में एनपीएस वात्सल्य की भी पेशकश की गई है। इसके तहत माता-पिता अपने नाबालिग बच्चों के नाम से एनपीएस खाता खोल सकते हैं। बच्चे के वयस्क होने पर इस खाते को सामान्य एनपीएस खाते में बदला जा सकेगा।
डीएसपी पेंशन फंड मैनेजर्स में सीईओ राहुल भगत ने कहा, ‘एनपीएस वात्सल्य योजना पेश किया जाना देश में नाबालिगों के लिए दीर्घावधि वित्तीय योजना बनाने की संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में उल्लेखनीय कदम है। ’
आयकर अधिनियम की समीक्षा
वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम, 1961 की समग्र समीक्षा की घोषणा की है। इसका मकसद इसे संक्षिप्त और समझने में आसान बनाना है। नायर ने कहा, ‘इससे भ्रम और असहमति में कमी आ सकती है। इससे स्पष्टीकरण मिल सकता है। और संभवतः इससे भविष्य में मुकदमेबाजी में भी कमी आ सकेगी।’
साइरिल अमरचंद मंगलदास में पार्टनर कुणाल सावानी ने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि इस कवायद से वास्तव में कर प्रावधान सरल होंगे। इसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए। अन्यथा यह प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर संहिता 2010 (बाद में कुछ परिवर्तनों के साथ) की पुनरावृत्ति हो सकती है, जो कभी मूर्त रूप नहीं ले सकी और इस पर विचार विमर्श करने में काफी वक्त लगाया गया।’धारा 87ए के तहत आयकर से छूट की सीमा 25,000 रुपये जारी रहेगी।
मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरेश सुराना कहते हैं, ‘वास्तव में, नई व्यवस्था के तहत अधिकतम छूट 20,000 रुपये तक सीमित हो जाएगी, क्योंकि नई व्यवस्था के तहत कर योग्य आय 7 लाख रुपये से अधिक होने पर छूट उपलब्ध नहीं होगी।’कर का स्लैब बढ़ाए जाने के साथ मानक कटौती की सीमा बढ़ाए जाने से कुछ करदाताओं को लाभ मिलेगा। लेकिन आप अपने कर की गणना खुद करें और देखें कि नई कर प्रणाली आपके लिए फायदेमंद है, या पुरानी कर प्रणाली।