facebookmetapixel
Year Ender 2025: ट्रंप की सनक, ग्लोबल संकट और युगांतकारी बदलावों का सालहायर इंडिया में 49% हिस्सेदारी लेंगी भारती एंटरप्राइजेज और वारबर्ग पिंकस, स्थानीय उत्पादन और इनोवेशन को मिलेगी रफ्तारटॉप 1,000 में 60% शेयरों में नुकसान, निवेशकों ने आईपीओ और सोने की ओर रुख कियाDFCCIL और IRFC ने वर्ल्ड बैंक लोन रिफाइनेंसिंग समझौते पर हस्ताक्षर किए, सरकार को ₹2,700 करोड़ की बचत की उम्मीदYear Ender 2025: आईपीओ बाजार के लिए 2025 दमदार, आगे भी तेजी के आसारबीमारी के लक्षणों से पहले ही स्वास्थ्य जांच पर जोर, महत्त्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत का डायग्नोस्टिक्स बाजारहाइपरस्केल डेटा सेंटर के टैक्स दर्जे पर सरकार से स्पष्टता की मांग, आईटीसी और मूल्यह्रास नियमों में बदलाव की सिफारिशकोहरे और सर्दी की चुनौतियों के बीच इंडिगो ने संभाला मोर्चा, कहा- उड़ानों में व्यवधान नहीं होने देंगेओला की गिरती बिक्री के बावजूद रफ्तार में इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार, 2025 में रजिस्ट्रेशन 13.1 लाख तक पहुंचने का अनुमानदूरसंचार विभाग का प्रस्ताव: BSNL के 23,000 नए बेस स्टेशन बनेंगे, निजी कंपनियों से मुकाबले की तैयारी

चुनावी बजट: छोटों पर करम…बड़ों पर सितम

Last Updated- December 05, 2022 | 4:47 PM IST

केंद्रीय बजट की तरह ही महाराष्ट्र के बजट पर चुनावी रंग नजर आया। राज्य के वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने बजट में शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों का खास ध्यान रखा है।


उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बजट में सीमांत और लघु किसानों के कर्जमाफ किए गए, लेकिन जो किसान इस लाभ से वंचित रह गए, उन्हें भी राज्य सरकार की ओर से राहत देने की बात कही गई है। इसकेसाथ ही वित्त मंत्री ने शहरी क्षेत्र के लोगों को राहत पहुंचाने के मकसद से 15 डी श्रेणी की नगरपालिकाओं, जिनमें औरंगाबाद, कोल्हापुर, शोलापुर, सांगली आदि शामिल हैं, में चुंगी शुल्क को खत्म करने का इरादा जताया है।


हालांकि अब इन शहरों में नवी मुंबई नगरपालिका की तरह उपकर लगाया जाएगा। हालांकि मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक, थाणे और पिंपरी-चिंचवाड़ नगरपालिकाओं में चुंगी पहले की ही तरह वसूला जाएगा। इसकेसाथ ही पाटिल ने रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी कई कदम उठाए हैं। इसकेतहत स्टांप शुल्क में छूट प्राप्ति की अवधि को तीन साल से घटाकर एक साल कर दिया गया है।


दरअसल, अभी तक फ्लैट छोड़ने पर तीन साल तक स्टांप शुल्क को रोक कर रखा जाता था, लेकिन अब इसे सालभर के अंदर जारी करना होगा। इसके साथ ही फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) को मुंबई उपनगरों में एक से बढाकर 1.33 कर दिया गया है। हालांकि इसके अतिरिक्त एफएसआई पर अलग से प्रीमियम का भुगतान करना होगा, लेकिन इसके बारे में बजट में खुलासा नहीं किया गया है।


 इसके साथ ही प्रॉपर्टी की कीमतों में स्थिरता लाने केमकसद से वित्त मंत्री ने रिहाइशी, औद्योगिक और व्यवसायिक क्षेत्रों के लिए लेवी वसूले जाने की घोषणा की है। यही नहीं, हाउसिंग सोसाइटियों की सहूलियत के लिए डीड को सुगम बनाने की भी बात कही है।


कम आय वाले लोगों के लिए दो साल के अंदर 10 लाख घर बनाने की बात कही गई है। विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके के किसानों को राहत पहुंचाने की बात करते हुए जिन किसानों को से राहत नहीं मिली है, उन्हें भी राहत दी जाएगी।

First Published - March 20, 2008 | 1:01 AM IST

संबंधित पोस्ट