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Economic survey: प्राइवेट निवेश बढ़ाने और PPP प्रोजेक्ट में सुधार की जरूरत

बुनियादी ढांचे में निजी भागीदारी बढ़ाने, परियोजनाओं की योजना और ठेका प्रबंधन में सुधार की जरूरत। वित्त वर्ष 2025 में 1.91 लाख करोड़ रुपये के मुद्रीकरण का लक्ष्य।

Last Updated- January 31, 2025 | 10:52 PM IST
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केंद्र सरकार सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं से संबंधित क्षमताओं में सुधार चाहती है। साथ ही उसने भारत के बुनियादी ढांचे के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के प्रति निजी क्षेत्र के उदासीन रवैये के बीच पीपीपी की स्वीकार्यता बढ़ाने की पैरवी की है। साल 2024-25 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है, ‘हमें बुनियादी ढांचे में निजी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए परियोजनाओं को तैयार करने, जोखिम और राजस्व साझेदारी की व्यवस्था में उनका भरोसा, ठेका प्रबंधन, विवादों के समाधान और परियोजनाएं पूरी करने के लिए उनकी क्षमता में सुधार की जरूरत है।’

पिछले साल की आर्थिक समीक्षा में भी सरकार ने यह मुद्दा उठाया था। निजी क्षेत्र को पूंजीगत व्यय में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया था और संकेत दिया था कि बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी भागीदारी अब भी वित्त मंत्रालय की उम्मीदों के अनुरूप नहीं है। समीक्षा में कहा गया, ‘केंद्र सरकार के प्रयासों को देश भर के बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की जरूरत को पूरी तरह स्वीकार करना होगा। इसमें निजी क्षेत्र की भी दिलचस्पी भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है।’ समीक्षा के मुताबिक निजी भागीदारी को बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों- वित्तीय बाजार के खिलाड़ियों, परियोजना प्रबंधन विशेषज्ञ एवं योजनाकारों तथा निजी क्षेत्र-के समन्वित प्रयासों की जरूरत है।

इसमें कहा गया है, ‘परियोजनाओं की संकल्पना करने, निष्पादन के लिए क्षेत्र विशिष्ट नवोन्मेष रणनीति बनाने और जोखिम और राजस्व विभाजन के साथ-साथ ठेका प्रबंधन, विवाद समाधान और परियोजनाएं पूरी करने जैसे उच्च विशेषज्ञ क्षेत्र तैयार करने की क्षमता में काफी सुधार की दरकार है।’ समीक्षा में कहा गया है कि केंद्र सरकार के अथक प्रयासों और कुछ राज्य सरकारों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की कोशिशों के बावजूद देश के बुनियादी ढांचे की जरूरत अभी पूरी नहीं हुई है। समीक्षा में कहा गया है, ‘इससे स्पष्ट है कि सार्वजनिक क्षेत्र के प्रयास इन आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर सकते हैं।

सरकार के विभिन्न स्तरों पर बजट संबंधी बाध्यताएं हैं। कई महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कई तरीकों से निजी भागीदारी बढ़ना चाहिए। इन तरीकों में कार्यक्रम और परियोजना तैयार करना, रकम जुटाना, निर्माण, रखरखाव, मुद्रीकरण और प्रभाव का आकलन शामिल है।’ सरकार के शीर्ष आर्थिक आकलन दस्तावेज में राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन और पीएम-गति शक्ति की बाधाओं को दूर करने और सुविधा देने वाली व्यवस्था का जिक्र भी किया गया है।

समीक्षा में कहा गया है, ‘वित्तीय बाजार के नियामकों ने निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुधार शुरू किए हैं। फिर भी कई अहम क्षेत्रों में निजी कंपनियों की भागीदारी काफी कम है।’ पीपीपी भी अब तक कुछ सीमित क्षेत्रों तक ही सफल रहा है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले ही बताया था कि केंद्र सरकार अपने परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य से चूक सकती है, जिसमें रेलवे जैसे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर कमतर प्रदर्शन है। वित्त वर्ष 2025 के लिए 1.91 लाख करोड़ रुपये के मुद्रीकरण का लक्ष्य है।

First Published - January 31, 2025 | 10:52 PM IST

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