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Economic survey 2024-25: घट गई नौकरीपेशा और खुद का बिजनेस करने वालों की कमाई, आंकड़े जानकर चौंक जाएंगे आप

पुरुषों की औसत मासिक कमाई 2017-18 में ₹9,454 थी, लेकिन अब 2023-24 में यह 9% गिरकर ₹8,591 पर आ गई है।

Last Updated- January 31, 2025 | 6:44 PM IST
Salary

संसद में पेश हुए आर्थिक सर्वे 2024-25 ने एक बड़ी सच्चाई सामने रखी है। बीते कुछ सालों में जहां महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी, वहीं आम लोगों की वास्तविक मासिक कमाई में कमी दर्ज की गई है। खासतौर पर स्व-रोजगार करने वालों और वेतनभोगी कर्मचारियों की आय पर इसका गहरा असर पड़ा है।

स्व-रोजगार में बड़ा झटका

अगर आप खुद का काम कर रहे हैं, तो यह खबर आपको चौंका सकती है। पुरुषों की औसत मासिक कमाई 2017-18 में ₹9,454 थी, लेकिन अब 2023-24 में यह 9% गिरकर ₹8,591 पर आ गई है। महिलाओं की हालत और भी खराब रही। उनकी मासिक कमाई में 32% की गिरावट आई और यह ₹4,338 से घटकर ₹2,950 रह गई।

सैलरीड की स्थिति भी चिंताजनक

जो लोग कंपनियों में नौकरी करते हैं, उनके लिए भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं रही। पुरुष सैलरीड की मासिक आय ₹12,665 से घटकर ₹11,858 रह गई है। वहीं, महिला सैलरीड को सबसे ज्यादा झटका लगा है, जिनकी आय ₹10,116 से घटकर ₹8,855 हो गई।

हालांकि, महिला श्रम बल भागीदारी दर में बड़ी छलांग देखी गई है। 2017-18 में यह जहां 23.3% थी, वहीं अब यह 2023-24 में 41.7% हो गई। ग्रामीण इलाकों में खुद का काम करने वाली या नियोक्ता महिलाओं की संख्या भी 19% से बढ़कर 31.2% हो गई। लेकिन विशेषज्ञ इसे आर्थिक मजबूरी का नतीजा मानते हैं, न कि किसी बड़े सुधार का।

जहां एक ओर नौकरीपेशा और स्व-रोजगार वाले परेशान हैं, वहीं अनियमित मजदूरों की कमाई में इजाफा हुआ है। पुरुष अनियमित मजदूरों की दैनिक कमाई 19% बढ़कर ₹242 हो गई, जबकि महिलाओं की कमाई में 24% की बढ़ोतरी दर्ज की गई और अब यह ₹159 हो गई।

आर्थिक झटके और महंगाई ने बिगाड़ा खेल

जाने-माने अर्थशास्त्री अरुण कुमार बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में मजदूरों की कमाई पर कई बड़े झटके लगे। पहले नोटबंदी और फिर कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से लोग पहले से ही संकट में थे। उसके बाद महंगाई ने उनकी बची-खुची कमाई पर भी चोट कर दी। उन्होंने कहा, “प्राइवेट सेक्टर का मुनाफा तो बढ़ा, लेकिन कर्मचारियों की तनख्वाह में कोई खास इजाफा नहीं हुआ। महामारी के बाद की बेरोजगारी ने स्थिति और बदतर बना दी, जहां लोग कम पैसे में काम करने को मजबूर हो गए।”

निर्माण क्षेत्र में तेजी का असर

श्रम विशेषज्ञ संतोष मेहरोत्रा का कहना है कि अनियमित मजदूरों की बढ़ती कमाई की वजह निर्माण क्षेत्र में तेजी है। खासतौर पर मिड-FY21 से निर्माण गतिविधियों में जोर देखा गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और आवासीय मांग ने इस सेक्टर को नई रफ्तार दी है।

आर्थिक सर्वे में इस बात का जिक्र है कि FY24 में कंपनियों का मुनाफा 22% बढ़ा, लेकिन नौकरी में वृद्धि मात्र 1.5% रही। कंपनियों ने अपनी EBITDA मार्जिन स्थिर रखते हुए अच्छा मुनाफा कमाया, लेकिन कर्मचारियों की वेतन वृद्धि धीमी ही रही। खासतौर पर IT सेक्टर में नई भर्तियों पर असर पड़ा और शुरुआती स्तर पर वेतन में ठहराव आ गया।

कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों की स्थिति

वेतन वृद्धि में क्षेत्रवार भी असमानता देखी गई है। कृषि क्षेत्र में पुरुषों की आय में केवल 0.6% की वृद्धि हुई, जबकि महिलाओं की आय 1.8% बढ़ी। वहीं, गैर-कृषि कार्यों में महिलाओं को 2.6% का फायदा हुआ, जबकि पुरुषों की आय केवल 0.4% ही बढ़ पाई।

First Published - January 31, 2025 | 6:38 PM IST

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