आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने सभी विदेशी निवेश (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) की गणना के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की संशोधित दिशा निर्देशों को मंजूरी दे दी है।
इस निर्णय के तहत किसी भी क्षेत्र से जुड़ी भारतीय कंपनियों पर स्थायी भारतीय निवासी से प्रवासी निवासी को कंपनियों के मालिकाना हक के स्थानांतरण या किसी प्रकार के नियंत्रण की देखरेख की जाएगी।
नई दिशा-निर्देशों के मुताबिक प्रवासी कंपनियों द्वारा भारत में प्रत्यक्ष तौर पर किए गए निवेश को भी विदेशी निवेश की श्रेणी में समझा जाएगा।
गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा, ‘नई दिशा निर्देशों को मंजूरी देने का एकमात्र उद्देश्य अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आसान बनाना है।’