इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बैटरियों के निर्माण के लिए प्रमुख इनपुट के साथ-साथ सोलर सेल और मॉड्यूल पर सीमा शुल्क में कटौती की गई है। इस तरह बजट में देश के ऊर्जा परिवर्तन की दिशा के प्रमुख क्षेत्रों के लिए विनिर्माण मूल्य श्रृंखला को और ज्यादा घरेलू बनाने पर जोर दिया गया है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लीथियम-आयन बैटरी विनिर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली 35 अतिरिक्त पूंजीगत वस्तुएं अब बुनियादी सीमा शुल्क से मुक्त होंगी।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के कंट्री हेड विक्रम गुलाटी ने कहा, ‘इससे न केवल स्वच्छ प्रौद्योगिकी अपनाने में तेजी आएगी बल्कि साल 2070 तक भारत के कार्बन शून्य बनने के लक्ष्यों का समर्थन करने वाली मजबूत आपूर्ति श्रृंखला भी बनेगी।’ आम तौर पर ईवी की कुल लागत में लगभग 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक हिस्सा बैटरी का रहता है। देश में दोपहिया वाहनों की बिक्री में फिलहाल ईवी की हिस्सेदारी करीब 5 से 6 प्रतिशत है जबकि कुल कार बिक्री में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी करीब 2 से 3 प्रतिशत है। सीतारमण ने यह भी ऐलान किया कि वह कोबाल्ट पाउडर और अपशिष्ट, लीथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप, सीसा, जस्ता और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों को बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दे रही हैं। बजट में सौर मॉड्यूल, सेमीकंडक्टर के अन्य उपकरणों और फोटोवोल्टिक सेल पर शुल्क दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि सौलर सेल के मामले में इसे 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।