वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले पांच वर्षों में छह क्षेत्रों में सुधारों की पहल की घोषणा की है। इनसे देश में वृद्धि क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी। इन प्रमुख क्षेत्रों में नियामकीय सुधार, बिजली क्षेत्र, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और कराधान के क्षेत्र शामिल हैं।
सीतारमण ने वादा किया कि व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिए कई नियामकीय सुधार किए जाएंगे जिसमें पुराने कानूनों को अद्यतन करना, तकनीकी नवाचार के मुताबिक अपनी रफ्तार बढ़ाना और वैश्विक नीति विकास पर जोर देना शामिल है। सीतारमण ने कहा, ‘नियामकीय ढांचा उन सिद्धांतों और विश्वास पर आधारित है जिनसे उत्पादकता और रोजगार बढ़ेगा।’
बजट में नियामकीय सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाने का वादा किया गया है जो गैर-वित्तीय क्षेत्र के सभी नियमनों, प्रमाणीकरण, लाइसेंस और अनुमति की समीक्षा करेगी।
सीतारमण ने कहा, ‘समिति की सिफारिशें एक वर्ष के भीतर ही मिलने की उम्मीद है। इसका लक्ष्य भरोसे पर आधारित आर्थिक प्रशासन को मजबूत करना और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए विशेषतौर पर निगरानी और अनुपालन वाले मामले में बड़े बदलाव लाने के उपाय करना है। राज्यों को इस प्रयास से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।’
प्रतिस्पर्द्धा और सहकारी संघवाद की भावना के लिए सरकार 2025 में राज्यों का एक इन्वेस्टमेंट फ्रेंडलीनेस इंडेक्स शुरू करेगी। इसके अलावा वित्तीय स्थायित्व और विकास परिषद के तहत एक ऐसी प्रणाली तैयार होगी जो मौजूदा वित्तीय नियमनों और सहायक निर्देशों के प्रभाव का आकलन करेगी। सीतारमण ने कहा, ‘इससे एक ऐसी व्यवस्था तैयार की जाएगी जिससे वित्तीय क्षेत्र का विकास और इसके प्रति जवाबदेही बढ़ेगी।’सीतारमण ने जन विश्वास विधेयक 2.0 की घोषणा की जिससे विभिन्न कानूनों के 100 से अधिक प्रावधानों को गैर-अपराध की श्रेणी में डाला जा सकेगा।
वित्त मंत्री ने केवाईसी (नो योर कस्टमर) की प्रक्रिया का सरलीकरण करने के लिए 2025 में केंद्रीय केवाईसी रजिस्ट्री को नए रूप में शुरू करने का वादा किया है। केंद्रीय केवाईसी से एकरूपता बढ़ेगी और केवाईसी के रिकॉर्ड का इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय क्षेत्रों में किया जा सकेगा। इसमें एक विशिष्ट केवाईसी पहचान को स्वतंत्र पहचान पत्र से जोड़ा जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि नया आयकर विधेयक अगले हफ्ते पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि करदाता और कर प्रशासन से जुड़े लोग इसे आसानी से समझ सकेंगे जिससे कर क्षेत्र की निश्चितता बढ़ेगी और कानूनी मामले घटेंगे। सीतारमण ने महत्वपूर्ण खनिजों की रिकवरी के लिए खनन क्षेत्र में सुधार की बात कही।