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Budget 2024: 163 साल पुराना है भारत में बजट प्रेजेंटेशन का इतिहास, आप नहीं जानते होंगे ये 5 बातें!

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। यह 2019 के बाद से उनका लगातार छठा बजट होगा।

Last Updated- December 14, 2023 | 2:52 PM IST
Budget 2024

Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। यह 2019 के बाद से उनका लगातार छठा बजट होगा। अन्य वित्त मंत्री जिन्होंने कम से कम पांच लगातार केंद्रीय बजट पेश किए हैं उनमें मोरारजी देसाई, पी. चिदम्बरम, प्रणब मुखर्जी, मनमोहन सिंह, यशवन्त सिन्हा और अरुण जेटली के नाम शामिल हैं।

भारत में बजट प्रेजेंटेशन का इतिहास 163 साल पुराना

भारत में बजट प्रस्तुतियों की 163 साल पुरानी विरासत है। देश में पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के तहत 7 अप्रैल, 1860 को स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन द्वारा पेश किया गया था। आजादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर.के. शन्मुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था। आजादी के बाद से देश में 75 वार्षिक बजट, 14 अंतरिम बजट और चार विशेष बजट पेश किये गये हैं।

सबसे लंबा और सबसे छोटा बजट भाषण

वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2020 को सबसे लंबा भाषण देने का रिकॉर्ड बनाया, जब उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया। वह दो घंटे 42 मिनट तक बोलीं। अपने भाषण के दौरान, सीतारमण ने जुलाई 2019 में बनाए गए अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जब उन्होंने दो घंटे और 17 मिनट तक बोलकर अपना पहला बजट पेश किया था।

वहीं, भारत का सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में हीरूभाई मुल्जीभाई पटेल ने दिया था, जिसमें उन्होंने सिर्फ 800 शब्द बोले थे। पटेल ने मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली सरकार के तहत 1977 से 1979 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया।

बजट भाषण में सबसे ज्यादा शब्द

1991 में, नरसिम्हा राव सरकार के तहत तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने शब्दों के मामले में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जो 18,650 शब्दों का था। अरुण जेटली ने अपने 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्दों का प्रयोग किया था। वह इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। जेटली को अपना भाषण पूरा करने में एक घंटा 49 मिनट का समय लगा था।

प्रधानमंत्री द्वारा बजट प्रेजेंटेशन

वित्त मंत्री को आम तौर पर हर साल केंद्रीय बजट पेश करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। हालांकि, ऐसे भी उदाहरण हैं जब बजट देश के प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। 1958 में, तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी ने हरिदास मुंधड़ा विवाद में कथित संलिप्तता के कारण इस्तीफा दे दिया। इसलिए, पंडित नेहरू को केंद्रीय बजट पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

1970 में फिर, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वित्त मंत्री मोरारजी देसाई के 14 भारतीय निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण के विरोध में उनसे परामर्श किए बिना इस्तीफा देने के बाद बजट पेश किया। इसी तरह, 1987-88 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बजट पेश किया था जब वित्त मंत्री वीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।

पेपरलेस बजट

निर्मला सीतारमण ने पहला पेपरलेस बजट पेश करके कोविड महामारी से प्रभावित 2021 में एक और रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने केंद्रीय बजट 2021-22 को डिजिटल फॉर्मेंट में पेश किया। वित्त मंत्री ने संसद में अपना बजट भाषण डिजिटल टैबलेट के जरिए पढ़ा। भाषण पूरा होने पर बजट दस्तावेज मोबाइल ऐप के जरिए उपलब्ध कराए गए। 2023 में, सीतारमण ने पेपरलेस बजट की परंपरा को आगे बढ़ाया। जबकि 2021 में कोविड-19 के समय में शारीरिक संपर्क को कम करने के लिए पेपरलेस बजट पेश किया गया था, लेकिन अब यह चलन बन गया है।

First Published - December 14, 2023 | 12:13 PM IST

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