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Budget 2024 Highlights: नौकरी, MSME और मिडिल क्लास पर बजट का फोकस, स्टैंडर्ड डिडक्शन, टैक्स स्लैब भी बदले

Union Budget 2024: वित्त मंत्री ने 1.48 लाख करोड़ रुपये का खर्च शिक्षा, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के लिए आवंटित किया।

Last Updated- July 23, 2024 | 3:58 PM IST
Union Budget 2024: Investing in the stock market will now be expensive, Finance Minister announced tax increase in the budget but there is also a benefit Union Budget 2024: शेयर बाजार में निवेश करना अब पड़ेगा महंगा, बजट में वित्त मंत्री ने कर दिया टैक्स बढ़ाने का ऐलान मगर एक फायदा भी

Union Budget Key Highlights: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का इस बार का बजट मुख्य रूप से नौकरियों, लघु और मध्यम आकार के उद्योगों, टैक्स रिजीम जैसे मुद्दों पर फोकस्ड रहा। वित्त मंत्री ने 1.48 लाख करोड़ रुपये का खर्च शिक्षा, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के लिए आवंटित किया। बजट आने से पहले भी सरकार से ऐसी ही उम्मीदें की जा रही थी। हालांकि, शेयर बाजार को वित्त मंत्री का बजट रास नहीं आ रहा है।

आइये एक-एक कर जानते हैं आज के बजट की मुख्य बातें

1. टैक्स में बदलाव

सैलरीड क्लास को उम्मीद थी कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में टैक्स स्लैब में राहत देगी। आज के बजट में भी आखिरकार इसका ऐलान हो ही गया। वित्त मंत्री ने न्यू रिजीम के तहत टैक्स स्लैब को रिवाइज करते हुए ऐलान किया कि सैलरीड एंप्लाई उनके इस बदलाव के बाद 17,500 रुपये के इनकम टैक्स की राहत मिलेगी।

अब न्यू टैक्स रिजीम के तहत जीरो से 3 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। 3 लाख रुपये से 7 लाख की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। 7 से 10 लाख रुपये की इनकम पर 10 फीसदी, 10-12 लाख के बीच 15 फीसदी औऱ 15-30 लाख से ऊपर की सैलरी पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ेगा।

न्यू टैक्स रिजीम में अब आप स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) के तहत 50,000 रुपये की जगह 75,000 रुपये तक का फायदा उठा सकते हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन का मतलब यह है कि सैलरी पाने वाला एंप्लाई टैक्सेबल इनकम के खिलाफ क्लेम कर सकता है। यह एक तरह का आपका खर्च होता है, जो अगर पूरी सैलरी जोड़ी जाए तो टैक्स लग जाएगा। मगर इसे आपके खर्चे के रूप में छूट दे दी जाती है, जो अब 75,000 रुपये हो गई है। इसे प्रूफ करने के लिए आपको खर्च का प्रमाण देने की जरूरत नहीं होती।

2. इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बजट आज शेयर बाजार को रास नहीं आया। निवेशकों के लिए एक फायदे की खबर रही तो एक नुकसान की। कैपिटल गेन एग्जेंप्शन लिमिट यानी शेयर से हुई कमाई पर टैक्स में छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये सालाना कर दिया गया। इससे पहले 1 लाख रुपये तक कैपिटल गेन टैक्स फ्री था। इससे निवेशकों को ये फायदा होगा कि अगर वे 1.25 लाख रुपये की कमाई इक्विटी से करते हैं तो उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। यह निवेशकों के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में फायदे की बात है।

मगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCGT) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स में इजाफा करने का ऐलान कर दिया। जिसके तहत निवेशक अगर एक साल से कम के टेन्योर या होल्डिंग पीरियड के लिए निवेश करता है तो उसपर लगने वाला टैक्स 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है और जिन निवेशकों की शेयरहोल्डिंग 1 साल यानी 12 महीने से ज्यादा है, उनके द्वारा शेयरों से हुई कमाई पर 12.5 फीसदी का टैक्स लगेगा। जबकि पहले यह 10 फीसदी था।

केंद्र सरकार ने इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में लेनदेन पर टैक्स यानी (Security Transaction Tax) भी बढ़ाकर 0.02% और 0.01% कर दिया है। कल यानी 22 जुलाई को आई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024 में भी डेरिवेटिव्स को लेकर चिंता जताई गई थी।

3. किसानों के लिए बजट में क्या

कृषि क्षेत्र की घोषणाओं के संबंध में, सीतारमण ने किसानों को नेचुरल खेती शुरू करने, दालों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी में आत्मनिर्भरता हासिल करने और उनकी भूमि के कवरेज के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के विकास सहित अन्य उपायों की घोषणा की।

सरकार ने कहा कि देश भर के 1 करोड़ किसानों को नेचुरल खेती से परिचित कराया जाएगा जो अगले 2 वर्षों में सर्टिफिकेट और ब्रांडिंग द्वारा समर्थित होगा।

10,000 आवश्यकता-आधारित बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण होंगे औऱ जन समर्थ (Jan Samarth) पर आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाएगा।

बजट ने प्रॉपर्टी की बिक्री पर मिलने वाले इंडेक्सेशन लाभ को हटा दिया है। अब जमीन बेचने वाले व्यक्ति अपनी खरीद कीमत नहीं बढ़ा सकेंगे और अपना पूंजीगत लाभ कम नहीं कर सकेंगे।

4. आर्थिक मोर्चे पर क्या है बजट में

बजट में आर्थिक मुद्दे पर सबसे ज्यादा तवज्जो दी जाती है। राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट GDP का 4.9 फीसदी अनुमानित किया गया है। फिस्कल डेफिसिट सरकार के खर्च और आमदनी का अंतर होता है। अगले साल तक इसे 4.5 फीसदी तक पहुंचाने का लक्ष्य है। हालांकि, आदर्श स्थिति यह है कि इसे 3 फीसदी पर रखा जाए।

5. नौकरी और शिक्षा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंप्लाई-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत 3 योजनाओं का ऐलान किया। ये तीनों योजनाएं प्रधानमंत्री पैकेज का हिस्सा हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में इनरोलमेंट के साथ संरेखित होंगी और पहली बार कर्मचारियों की मान्यता के साथ-साथ नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को समर्थन पर ध्यान केंद्रित करेंगी।

इसी योजना के तहत, वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि EPFO में रजिस्टर्ड पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को एक महीने के वेतन का तीन किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer/DBT) 15,000 रुपये तक होगा। DBT का मतलब लाभार्थी के खाते में रकम का सीधा ट्रांसफर होता है। इसका लाभ उन्हें मिलेगा जिनकी सैलरी 1,00,000 प्रति माह तक होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से 2.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

6. सोने और चांदी पर इंपोर्ट ड्यूटी घटी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के बजट 2024-25 में सोने और चांदी पर बेसिक सीमा शुल्क 10% से घटाकर 6% करने करने का ऐलान किया।

अगर 5% एग्रीकल्चर इंन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सेस (AIDC) को भी शामिल किया जाए, जो पहले से ही था, तो सोने और चांदी पर कुल आयात शुल्क अब 15% से घटकर 11% हो गया है।

7. स्टार्टअप्स के लिए राहत, एंजल टैक्स समाप्त करने की योजना

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्टअप्स में सभी वर्ग के निवेशकों के लिए ‘एंजल’ कर समाप्त करने की घोषणा की। अपने बजट भाषण में उन्होंने ई-कॉमर्स कंपनियों तथा दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के संदर्भ में कुछ वित्तीय साधनों के लिए कर दरों में विभिन्न बदलावों की भी घोषणा की।

8. बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए बिहार में सड़क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने कई अन्य तोहफे भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकार बिहार में हवाई अड्डे, मेडिकल कॉलेज और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर भी स्थापित करेगी। 21 हजार करोड़ के पॉवर प्लांट का भी ऐलान किया गया है।

सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना भी लाएगी। बिहार और असम में बाढ़ की रोकथाम के लिए सरकार मदद देगी।

आंध्र प्रदेश को स्पेशल कैटेगरी का दर्जा देने की बढ़ती मांग के बीच, केंद्रीय बजट में राज्य को महत्वपूर्ण आवंटन का वादा किया गया, जिसमें आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।

आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए, पानी, बिजली और सड़कों जैसे इंफास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए धन प्रदान किया जाएगा। इसमें पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए वित्तीय सहायता और पिछड़े जिलों के पैकेज भी शामिल है।

First Published - July 23, 2024 | 3:50 PM IST

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