कौशल विकास के माहौल और पारंपरिक डिग्री वाली शिक्षा के बीच खाई को पाटने के लिए वित्त वर्ष 2023 के बजट ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नवोन्मेषी शिक्षा विज्ञान, पाठ्यक्रम में बदलाव, निरंतर पेशेगत विकास, डिपस्टिक सर्वेक्षण और आईसीटी कार्यान्वयन के माध्यम से शिक्षकों के प्रशिक्षण को नए सिरे से तैयार करने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान विकसित किए जाएंगे।
इसमें कौशल विकास के पारिस्थितिकी तंत्र को दुरुस्त करने पर विशेष ध्यान होगा। वित्त मंत्री ने वादा किया कि अगले 3 साल में 47 लाख युवाओं को भत्ता दिया जाएगा। यह प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा। इसे जल्द ही देश भर में अखिल भारतीय राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लागू किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि विभिन्न राज्यों में 30 कौशल विकास अंतरराष्ट्रीय केंद्रों की स्थापना करके कौशलवर्धन हेतु डिजिटल तंत्र को और विस्तार दिया जाएगा।
उद्योग जगत शिकायत कर रहा था कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत प्रशिक्षण का कोर्स और पाठ्यक्रम उद्योग की जरूरतों के अनुरूप नहीं है। श्रम, टेक्सटाइल और कौशल विकास पर बनी संसद की समिति की हाल की रिपोर्ट में यह संज्ञान में लिया गया था। इसे देखते हुए यह घोषणा की गई है।
सीतारमण ने कहा, ‘पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत ऑन जॉब प्रशिक्षण, उद्योग के साथ साझेदारी और उद्योगों की जरूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार करने पर जोर होगा। इस योजना इंडस्ट्री 4.0 के तहत कोडिंग, एआई, रोबोटिक्स, मैकाट्रॉनिक्स, आईओटी, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और सॉफ्ट स्किल जैसे नए दौर के पाठ्यक्रमों को भी शामिल किया जाएगा।’
वित्त मंत्री की ओर से शिक्षा को केंद्रित करके घोषित अन्य पहल के तहत केंद्र सरकार अगले 3 साल में 3.5 लाख जनजातीय छात्रों के लिए चलाए जा रहे 740 एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों के लिए 38,800 अध्यापक और सहायक कर्मचारियों को नियुक्त करेगी।
इस योजना से एकलव्य स्कूलों को बल मिलेगा, जो खासकर हाशिये पर खड़े आदिवासी समूहों (पीवीटीजी) की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करने की दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है।
पीवीजीटी डेवलपमेंट मिशन के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किया जाएगा , जिससे सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और साफ सफाई, शिक्षा तक पहुंच में सुधार, स्वास्थ्य एवं पोषण, सड़क एवं दूरसंचार कनेक्टिवटी और टिकाऊ आजीविका के अवसर मिल सकें।
वित्त मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि पर्यटन और प्रयोगशाला में विकसित हीरे उभरते क्षेत्र हैं, जिसमें युवाओं को तत्काल रोजगार मिलने के अवसर हैं। सीतारमण ने कृत्रिम हीरे के बीज पर सीमा शुल्क घटाने की भी घोषणा की है, जिससे नौकरियों के सृजन को प्रोत्साहन मिल सके।
सीतारमण ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम विकास) की भी घोषणा की, जो कलाकारों और हस्तशिल्पियों की सहायता के लिए पैकेज है। इससे उन्हें गुणवत्ता सुधारने, मात्रा बढ़ाने और अपने उत्पादों की पहुंच बढ़ाने और एमएसएमई मूल्य श्रृंखला से इसे एकीकृत करने में मदद मिलेगी।
इस योजना में न सिर्फ वित्तीय समर्थन शामिल होगा बल्कि उसमें उन्नत कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक डिजिटल तकनीकों की जानकारी और दक्ष हरित प्रौद्योकियों, बॉन्ड प्रमोशन, स्थानीय एवं वैश्विक बाजारों के साथ संयोजन, डिजिटल भुगतानों और सामाजिक सुरक्षा के प्रति सुलभता भी शामिल होगी। इससे अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, महिलाओं और कमजोर वर्गों के लोगों को अधिक लाभ होगा।
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स्वास्थ्य क्षेत्र में कौशल विकास
वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कौशल विकास पर विशेष बल दिया है। वित्त मंत्री ने 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सह स्थापन में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की घोषणा की है।वित्त वर्ष 2023-24 के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को आवंटन पिछले साल के संशोधित अनुमान की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
सीतारमण ने सिकल सेल एनिमिया के 2047 तक उन्मूलन की योजना शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसमें जागरूकता अभियान, और प्रभावित आदिवासी इलाकों में शून्य से 40 साल की उम्र तक के 7 करोड़ लोगों की यूनिवर्सल स्क्रीनिंग शामिल है।