वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में छोटे कारोबारियों को टैक्स ऑडिट के मामले में बड़ी राहत दी है। इन कारोबारियों के लिए presumptive taxation के लिए सालाना कारोबार (टर्नओवर) की सीमा को बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तक कर दिया गया है। पहले यह सीमा 2 करोड़ रुपये थी। पेशेवरों के मामले में इस सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये तक कर दिया गया है।
Presumptive taxation योजना को अपनाने से कारोबारियों को टैक्स ऑडिट से छूट मिलती है। इस योजना के तहत इन कारोबारियों के लिए आय सालाना कारोबार की 8 फीसदी (नॉन डिजिटल ट्रांजैक्शन होने पर) मानी जाती है। डिजिटल ट्रांजैक्शन के मामले में आय 6 फीसदी मानी जाती है।
Presumptive taxation की सीमा बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि छोटे कारोबारी हमारी अर्थव्यवस्था की प्रगति का इंजन है। अभी तक 2 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले छोटे कारोबारी और 50 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले कुछ पेशेवर presumptive taxation का लाभ उठा सकते हैं।
मैं इन सीमाओं को उन करदाताओं के लिए क्रमश: 3 करोड़ रुपये और 75 लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव करती हूं, जिनकी नकदी प्राप्तियां 5 फीसदी से अधिक नहीं है। बजट में MSME को समय पर भुगतान प्राप्त होने की सहायता के लिए और collateral free कर्ज के लिए भी प्रावधान किए गए हैंं।
Collateral free fund को बढ़ावा, समय पर भुगतान को मदद
फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (FISME) के महासचिव अनिल भारद्वाज ने कहा कि यह बजट विकास को बढ़ावा देने वाला है। इसमें छोटे कारोबारियों के लिए भी कुछ प्रावधान किए गए है। छोटे कारोबारियों को collateral free fund की सुविधा बढ़ाने के लिए 9,000 करोड़ रुपये Credit Guarantee Fund के तहत आवंटित किए गए हैं। इससे MSME को 2 लाख करोड़ रुपये के collateral free fund की गारंटी दी जाएगी।
इससे MSME के फंड लागत में एक फीसदी कमी आएगी। MSME को भुगतान की समय पर प्राप्ति हो, इसके लिए खरीदार को भुगतान पर किए गए व्यय के लिए कटौती की अनुमति तभी दी जाएगी, जब भुगतान वास्तव में किया गया हो। बजट में सरकार को आपूर्ति करने MSME को भी बड़ी राहत दी गई है।
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कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुई जिन MSME की बैंक गारंटी जब्त कर ली गई थी या जिन पर जुर्माना लगाया गया था, अब जब्त की गई 95 फीसदी राशि को वापस (reimburse) करना प्रस्तावित किया गया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के सचिव हेमंत गुप्ता कहते हैं कि presumptive taxation की सीमा बढ़ाना छोटे कारोबारियों के लिए बड़ी राहत है। आयकर छूट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव से आम करदाताओं के साथ ही छोटे कारोबारियों को भी फायदा होगा।