Union Budget 2024: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटा कम रहने के अनुमान से बॉन्ड बाजार खुश हुआ। इस तरह की घोषणा के बाद यील्ड नरम पड़ गया लेकिन मुनाफावसूली के कारण यह सपाट बंद हुआ। बॉन्ड बाजार मौजूदा वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 5 से 5.1 फीसदी के बीच रहने की संभावना जता रहा था। वित्त मंत्री ने आम बजट में इसके 4.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया। बेंचमार्क यील्ड मंगलवार को 6.97 फीसदी पर टिका जो सोमवार के मुकाबले सपाट है।
एक निजी बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा कि कुल मिलाकर बजट सकारात्मक रहा। बॉन्ड बाजार राजकोषीय घाटा 5 से 5.1 फीसदी रहने की उम्मीद कर रहा था। 6.95 फीसदी के करीब प्रतिरोध हुआ और उम्मीद है कि कम से कम दो हफ्ते यह 6.95 फीसदी से 7 फीसदी के बीच कारोबार कर सकता है। उन्होंने कहा कि 6.95 फीसदी का स्तर टूटने के लिए अहम संकेतक की दरकार होगी।
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए उधारी का अनुमान मोटे तौर पर अंतरिम बजट (Interim Budget) जितना ही रहा। सरकार की सकल उधारी (gross borrowing) 14.01 लाख करोड़ रुपये रहेगी। इससे बॉन्ड बाजार की मांग-आपूर्ति आयाम को सहारा मिल सकता है। जेपी मॉर्गन बॉन्ड इंडेक्स (JP Morgan Bond Index) में शामिल किए जाने से बॉन्ड बाजार में लगातार आ रहे निवेश से भी बॉन्ड यील्ड नियंत्रण में रह सकता है।
यूबीएस सिक्योरिटीज (UBS Securities) ने एक नोट में कहा कि अंतरिम बजट के 5.1 फीसदी के मुकाबले राजकोषीय घाटा कम होकर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान बॉन्ड के लिए सकारात्मक है। हमें उम्मीद है कि निवेश की सकारात्मक रफ्तार जारी रहेगी। बाजार को लग रहा है कि राजकोषीय मजबूती पर वित्त मंत्री के अनुमान से अगले साल यह संभवत: 4.5 फीसदी पर आ जाएगा। ऐसा हुआ तो भविष्य में रेटिंग में संभावित अपग्रेड के लिहाज से यह स्वागत योग्य होगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए सरकार वित्त क्षेत्र का विजन और रणनीति दस्तावेज जारी करेगी। इससे अगले पांच साल का एजेंडा तय हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की वित्तीय जरूरतें पूरी करने के लिए हमारी सरकार वित्तीय क्षेत्र का विजन व रणनीति दस्तावेज लाएगी ताकि क्षेत्र को आकार, क्षमता और कौशल के लिहाज से तैयार किया जा सके।
डीलरों ने कहा कि शेयर बाजारों में गिरावट के कारण रुपया नए निचले स्तर पर जा पहुंचा। इसकी वजह बजट में पूंजीगत लाभ कर (capital gains tax) में इजाफे का प्रस्ताव है। डॉलर के मुकाबले रुपया 83.70 पर टिका जो कारोबार के दौरान 83.72 के निचले स्तर तक चला गया था।
सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.67 पर बंद हुआ था। कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (करेंसी डेरिवेटिव व ब्याज दर डेरिवेटिव) अनिंद्य बनर्जी ने कहा कि शेयर बाजार में कमजोरी और एफडीआई की कुछ निकासी के कारण रुपया टूटा।
बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि भारतीय मुद्रा में और इसलिए नहीं गिरावट आई क्योंकि रिजर्व बैंक ने डॉलर की बिक्री के जरिये विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया। इस वित्त वर्ष में रुपया 0.3 फीसदी टूट चुका है जबकि मौजूदा कैलेंडर वर्ष में अब तक इसमें 0.6 फीसदी की नरमी आई है।