वित्त वर्ष 24 के दौरान दो अंकों में 10 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि के बाद देश की वाहन बिक्री वित्त वर्ष 25 का समापन पांच प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ करने वाली है और यह वित्त वर्ष 25 में 2.6 करोड़ तक पहुंच जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री भी पहली बार किसी वित्त वर्ष में 20 लाख का आंकड़ा पार कर रही है। इस वर्ष मार्च महीने की बिक्री प्रमुख बाधा रही, जब पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने की तुलना में बिक्री में लगभग 14 प्रतिशत (30 मार्च तक) की गिरावट आई। वाहन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 25 के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पहली बार 20 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है, जो वित्त वर्ष 24 की 16 लाख वाहन बिक्री की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा है। इस वित्त वर्ष में 30 मार्च तक वाहनों की कुल वाहन बिक्री 2.59 करोड़ रही, जो साल 2023-24 में 2.46 करोड़ और साल 2023-23 में 2.23 करोड़ थी। उद्योग वित्त वर्ष 26 में यात्री वाहनों जैसी प्रमुख श्रेणियों में स्थिर वृद्धि की संभावना जता रहा है।
उद्योग में फरवरी तक सात प्रतिशत की कुल वृद्धि दिखने के बावजूद मार्च में यह गिरावट आई है, जो मुख्य रूप से दोपहिया, तिपहिया और यात्री वाहनों की बिक्री में वृद्धि से प्रेरित रही। फरवरी के अपने आंकड़ों के साथ फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने निकट भविष्य के लिए सतर्कतापूर्ण आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त किया था।
फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘मार्च में उद्योग के लिए प्रमुख चुनौतियां पांच महीने तक लगातार गिरता शेयर बाजार था, जिसने उपभोक्ता विश्वास को कम किया और निवेशकों ने नए एसआईपी खोलने के बजाय ज्यादा संख्या में एसआईपी बंद किए। इसके अलावा कम आर्थिक गतिविधि के कारण गैर-जरूरी खर्च भी कम था।’
पिछले महीने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) की बैठक में यात्री वाहन कंपनियों ने इस बात पर सहमति जताई कि साल 2025-26 में केवल एक से दो प्रतिशत की बिक्री वृद्धि देखी जा सकती है। एक प्रमुख यात्री वाहन कंपनी के अधिकारी ने कहा कि कमजोर मांग, वहन क्षमता की चिंताओं, शुरुआती स्तर वाली कारों की बिक्री में गिरावट, वैश्विक महामारी के बाद की तेजी के सुस्त पड़ने, महंगाई, डॉलर के मुकाबले रुपये में नरमी और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण ऐसा है। इस क्षेत्र की समूची चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) साल 2030 तक करीब चार प्रतिशत रहने की उम्मीद है। एक प्रमुख दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी के सूत्र की राय है कि आने वाले वित्त वर्ष में ईवी की वृद्धि की रफ्तार में भी गिरावट आ सकती है।