facebookmetapixel
Groww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Today: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेतों के बीच कैसी होगी आज शेयर बाजार की शुरुआत?अगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’Stocks To Watch Today: Swiggy, HAL, Patanjali Foods समेत इन 10 दिग्गज कंपनियों से तय होगा आज ट्रेडिंग का मूडजियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने सरकार से पूरे 6G स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कीतेजी से बढ़ रहा दुर्लभ खनिज का उत्पादन, भारत ने पिछले साल करीब 40 टन नियोडिमियम का उत्पादन कियाअमेरिकी बाजार के मुकाबले भारतीय शेयर बाजार का प्रीमियम लगभग खत्म, FPI बिकवाली और AI बूम बने कारणशीतकालीन सत्र छोटा होने पर विपक्ष हमलावर, कांग्रेस ने कहा: सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं बचाBihar Assembly Elections 2025: आपराधिक मामलों में चुनावी तस्वीर पिछली बार जैसी

भारत में ऑटोमैटिक कारें लाने की तैयारी में Tata

टीसीएस के इस क्लाउड प्रशिक्षण से मूल वाहन निर्माता कंपनी (ओईएम) को अगली पीढ़ी के वाहन को रोड पर उतारने में मजबूती मिलेगी।

Last Updated- January 06, 2023 | 9:29 AM IST
Tata Sons IPO a moral and social imperative, says Shapoorji Pallonji group

टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज ने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में 300,000 किलोमीटर से अधिक वास्तविक समय के वाहन डेटा के साथ अपने क्लाउड आधारित ऑटोनोमिक वाहन प्लेटफॉर्म को प्रशिक्षित और परीक्षण किया है। परीक्षण करने वाले भौगोलिक क्षेत्रों में अमेरिका, जापान, यूरोप और भारत शामिल है।

टीसीएस के इस क्लाउड प्रशिक्षण से मूल वाहन निर्माता कंपनी (ओईएम) को अगली पीढ़ी के वाहन को रोड पर उतारने में मजबूती मिलेगी। टाटा समूह के पास कई कंपनियां हैं। इनमें से कुछ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम कर रही हैं, वहीं इसकी कुछ कंपनियां स्वचालित वाहन क्षेत्र में भी काम कर रही हैं, जिसमें टीसीएस के साथ टाटा मोटर्स (टाटा समूह के साथ करीब से काम करने वाली कंपनी ) और टाटा एलेक्सी शामिल है।

टीसीएस जापान, यूरोप और अमेरिका की कई अग्रणी वैश्विक कंपनियों के साथ इलेक्ट्रिक वाहन और स्वचालित वाहनों के लिए मिलकर काम कर रही है। भारत में यह घरेलू बाजार में स्वचालित फीचर के साथ इलेक्ट्रिक कार उतारने के लिए ओईएम कंपनियों को सहायता प्रदान कर रही है।

टीसीएस में हेड ऑटोमेटिव, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और डीई राजेंद्र चौगुले ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि टीसीएस के एल्गोरिदम को 300,000 किलोमीटर वास्तविक समय वाहन डेटा के साथ प्रशिक्षित और परीक्षण किया गया है।

चौगुले ने कहा, ‘ हमने कुछ हजार किलोमीटर तक ही भारत में परीक्षण किया है, परीक्षण और डेटा संग्रहण का अधिकतम कार्य अमेरिका, जापान और यूरोप में किया गया है।’

उन्होंने कहा कि कंपनी के अनुभव के आधार पर एक विशिष्ट लेवल 3 कार, जिसमें आप हैंड्स-फ्री ड्राइव कर सकते हैं, के परीक्षण के लिए प्रत्येक भौगोलिक क्षेत्र में 1 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने की आवश्यकता है। यह वर्तमान मानक है और बहुत महंगा है। लेकिन टीसीएस ने सिंथेटिक डेटा प्राप्त करने का एक तरीका विकसित किया है जिससे लागत कम हो जाती है।

इस प्रौद्योगिकी के माध्यम से टीसीएस वाहन के 100 किलोमीटर के डेटा का परीक्षण दिन में ही कर सकती थी। लेकिन, यह अब सिमुलेशन के माध्यम से रात के समय भी वाहन का वर्चुअल डेटा संग्रहण कर सकेगी और इसमें कीमत भी अपेक्षाकृत कम आएगी। चौगुले ने कहा कि भारत में स्वचालित कार के लिए परीक्षण लेवल प्लस 2 स्तर पर है। कुछ वाहन पहले से ही चल रहे हैं।

First Published - January 5, 2023 | 10:36 PM IST

संबंधित पोस्ट