देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया (ई2डब्ल्यू) और तिपहिया वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 पेश की है। भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार ने नई योजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो अप्रैल से 4 महीने के लिए लागू रहेगी।
आगामी योजना 1 अप्रैल को लागू होगी, जो मौजूदा फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स फेज-2 पहल की जगह लेगी। पांडेय ने कहा, ‘इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने और नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने की सरकार के लक्ष्य दिशा में यह योजना एक कदम है। आवंटित 500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल 4 महीने के दौरान करीब 4 लाख दोपहिया और तिपहिया वाहनों को समर्थन देने के लिए होगा।’
बढ़ती मांग पूरी करने और ईवी विनिर्माताओं पर बोझ बढ़ाने के लिए सरकार ने दोपहिया वाहनों पर अधिकतम सब्सिडी की सीमा घटाकर 10,000 रुपये प्रति वाहन कर दिया है, जो पहले 22,500 रुपये था, वहीं तिपहिया वाहनों पर सब्सिडी 1,11,505 रुपये से घटाकर 50,000 रुपये कर दी गई है। दोनों श्रेणी के वाहनों को 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटे के हिसाब से प्रोत्साहन मिलेगा।
मंत्री ने कहा, ‘उच्च मांग को देखते हुए सब्सिडी में कमी की गई है। इसका मकसद उद्योग को मजबूत करना और सब्सिडी के बाद के माहौल के लिए तैयार करना है। सब्सिडी अनंत काल तक नहीं जारी रखी जा सकती है।’ आगामी योजना के तहत प्रोत्साहन पाने के लिए सभी कंपनियों को फिर से पंजीकरण कराना होगा। मंत्रालय ईएमपीएस के लिए आने वाले दिनों में दिशानिर्देश जारी करने की योजना बना रहा है।
ई-दोपहिया और ई-तिपहिया पर नई योजना के तहत सरकार द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है, लेकिन इस तरह का कोई प्रोत्साहन ई-चार पहिया और ई-बसों को नई योजना के तहत नहीं मिलेगा। इस उद्योग की अगुआ टाटा मोटर्स सहित कुछ ई-चार पहिया कारोबारियों की अपील के बावजूद सरकार ने यह फैसला किया है। टाटा मोटर्स ने फेम2 को अगले 3 साल तक के लिए बढ़ाने की वकालत की थी।
सरकार के अधिकारियों ने कहा कि इस योजना से ई चारपहिया व ई-बसों को निकालने की वजह ऑटो पीएलआई और पीएम ई-बस सेवा योजना जैसी योजनाओं की मौजूदगी है। मंत्री ने कहा, ‘ऑटो पीएलआई और पीएम ई-बस सेवा योजना पहले ही ई-चार पहिया वाहनों और ई-बसों के लिए लागू है। नई ईएमपीएस सिर्फ ई-दोपहिया और ई-तिपहिया वाहनों के लिए ही होगी।’
सरकार के आंकड़ों से पता चलता है कि फेम-1 के तहत करीब 2,78,000 ईवी को समर्थन मिला है, जिसमें प्रोत्साहन राशि की कुल मांग 343 करोड़ रुपये रही है। फेम-2 योजना अप्रैल 2019 में शुरू की गई थी, जिसके तहत 3 साल के लिए 10,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, जिसे बाद में मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया।
इस साल इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में अब तक 45 प्रतिशत से अधिक की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है। सब्सिडी में कमी या नियामकीय बदलाव का इस पर असर नहीं पड़ा है। 2023 में कुल 15 लाख ईवी का पंजीकरण हुआ है जो पिछले साल के 10 लाख की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है।
इसकी वजह से देश में ईवी की पहुंच बढ़ी है और यह 5 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई है। 2022 में जहां 4.8 प्रतिशत ईवी थे, अब इनका प्रतिशत 6.3 हो गया है।