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Auto Sales August 2025: अगस्त में पैसेंजर व्हीकल (PV) की सेल्स सालाना आधार पर 9 फीसदी घट गई, जबकि टू-व्हीलर बिक्री में स्थिर ग्रोथ दर्ज की गई। पीटीआई के अनुसार, यह जानकारी सोमवार को सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई। इंडस्ट्री का मानना है कि टैक्स कटौती लागू होने के बाद सेक्टर में मांग की वापसी होगी।
सियाम के मुताबिक, पैसेंजर व्हीकल की थोक बिक्री (निर्माताओं से डीलरों तक भेजी गई गाड़ियां) अगस्त 2025 में घटकर 3,21,840 यूनिट रह गई। यह अगस्त 2024 में 3,52,921 यूनिट रही थी।
सियाम के डायरेक्टर जनरल राजेश मेनन ने कहा कि बिक्री में गिरावट का कारण ऑटोमेकर्स की ओर से कमजोर उपभोक्ता सेंटीमेंट के बीच डिस्पैच में बदलाव करना है। उन्होंने बताया कि कई संभावित खरीदारों ने गाड़ियों पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में कटौती की घोषणा के बाद कम कीमतों की उम्मीद में खरीद टाल दी।
मेनन ने कहा कि टैक्स कटौती से मोबिलिटी एक्सेस बढ़ेगा और ऑटो सेक्टर में त्योहारों के दौरान नई रफ्तार मिलेगी। त्योहारों का सीजन पहले से ही ऑटो बिक्री का मजबूत समय माना जाता है।
टू-व्हीलर बिक्री अगस्त में 7 फीसदी बढ़कर 18,33,921 यूनिट रही, जो एक साल पहले 17,11,662 यूनिट थी। इस ग्रोथ को ग्रामीण मांग और त्योहारों की खरीदारी ने बढ़ावा दिया। इस दौरान स्कूटर की बिक्री 13 फीसदी बढ़कर 6,83,397 यूनिट पर पहुंच गई, जबकि मोटरसाइकिल डिस्पैच 4 फीसदी बढ़कर 11,06,638 यूनिट रहे।
थ्री-व्हीलर ने अगस्त महीने में रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। इस दौरान 75,759 यूनिट डिस्पैच हुईं, जो पिछले साल अगस्त के 69,962 यूनिट की तुलना में 8 फीसदी ज्यादा है। सियाम ने कहा कि टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की ग्रोथ ने पैसेंजर व्हीकल की सुस्ती को संतुलित किया।
जीएसटी काउंसिल ने छोटी कारों, 350 सीसी तक के टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर पर टैक्स दर 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी है, जो 22 सितंबर से लागू होगी। इसके बाद कई ऑटोमेकरों ने गाड़ियों की कीमतें घटा दी हैं और टैक्स का फायदा ग्राहकों को दे रहे हैं। उद्योग से जुड़े संगठन मानते हैं कि हालिया सुस्ती की वजह कीमतों में कटौती की उम्मीद है।
22 सितंबर से नए जीएसटी रेट लागू होंगे। इसके तहत पेट्रोल और डीजल कारें जिनके इंजन 1,200 सीसी और 1,500 सीसी तक होंगे, उन पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। इससे बड़ी इंजन वाली गाड़ियों पर 40 फीसदी तक का सबसे ऊंचा स्लैब लागू होगा। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 फीसदी की रियायती दर जारी रहेगी।