अगर आप शुक्रवार को किसी कार शोरूम में जाएंगे तो डीलर आपकी पसंद की कार की ऑन-रोड कीमत के बारे में शायद अधिक जानकारी न दे पाए। वाहन डीलरों के संगठन के एक पदाधिकारी ने यह बात कही। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘मगर हम उम्मीद करते हैं कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) से कार खरीदते समय डीलरों द्वारा चुकाए गए मुआवजा उपकर के मुद्दे पर एक सप्ताह के भीतर स्पष्टता आ जाएगी। डीलरों पर केवल उपकर का ही 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ता है।’
उन्होंने कहा कि डीलरों के पास करीब 6 लाख यात्री वाहन यानी करीब दो महीने का स्टॉक है, जिसकी कीमत लगभग 72,000 करोड़ रुपये हो सकती है। फाडा ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से पहले ही संपर्क किया है और उसे जल्द ही समाधान मिलने की उम्मीद है जिसके तहत सरकार डीलरों से वसूला गया उपकर वापस कर सकती है। विश्लेषकों ने कहा कि नई जीएसटी दर के लागू होने से पहले के स्टॉक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा पुरानी दर पर किया जा सकता है। इससे आने वाले दिनों में डीलरों के लिए स्टॉक तैयार करना आसान हो जाएगा।
मगर अच्छी बात यह है कि नई जीएसटी दर लागू होने से पहले तात्कालिक व्यवधान की आशंका कम है क्योंकि 7 से 21 सितंबर तक पितृ पक्ष रहेगा। इस दौरान आम तौर पर खरीदारी नहीं की जाती है। मगर जीएसटी में सुधार वाहन क्षेत्र के लिए काफी सकारात्मक पहल है। इससे वाहन बिक्री को रफ्तार मिलेगी क्योंकि अधिक कीमतों के कारण अपनी खरीद योजना को टालने वाले ग्राहक भी खरीदारी के लिए आकर्षित होंगे। निफ्टी ऑटो आज 0.85 फीसदी बढ़त के साथ बंद हुआ। बीएनपी पारिबा के विश्लेषकों का मानना है कि छोटी कार एवं दोपहिया की मात्रात्मक बिक्री में करीब 16 फीसदी का इजाफा होगा।
छोटी कारों को सबसे अधिक फायदा होगा लेकिन बड़ी एसयूवी की बिक्री रफ्तार भी बढ़ेगी क्योंकि 4 मीटर के दायरे वाली कारों पर जीएसटी दर 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी रह गया है। मगर बड़ी कारों पर कर की दर 40 फीसदी होगी। सरकार ने मुआवजा उपकर को भी वापस ले लिया है। जहां तक दोपहिया वाहनों का सवाल है तो 350 सीसी से कम इंजन क्षमता वाले वाहनों पर जीएसटी दर 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी रह जाएगी।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा इस पहल से भारतीय वाहन क्षेत्र में एक नया उत्साह आने और बिक्री को नई रफ्तार मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि खास तौर पर छोटी कारों की कीमतें घटने से पहली बार के खरीदारों और मध्यम आय वाले परिवारों को फायदा होगा।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने उम्मीद जताई कि सरकार अनबिके वाहनों पर मुआवजा उपकर के बारे में जल्द उचित व्यवस्था करेगी। टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन सुदर्शन वेणु ने कहा, ‘खास तौर पर दोपहिया उद्योग के लिए यह एक स्वागतयोग्य कदम है क्योंकि इससे लोगों तक दोपहिया वाहनों की पहुंच को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।’
एमके के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा है कि जीएसटी दरों में 10 फीसदी की कटौती का सबसे अधिक फायदा शायद महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के वाहनों को होगा। मारुति सुजूकी और ह्युंडै मोटर इंडिया को भी इसी तरह का फायदा होगा। जहां तक दोपहिया वाहनों का सवाल है तो उसकी मात्रात्मक ब्रिकी वित्त वर्ष 2019 में शीर्ष स्तर पर पहले ही पहुंच चुकी है और अभी बिक्री इससे कम है। ऐसे में जीएसटी सुधार से एक नई वृद्धि चक्र शुरू होने की उम्मीद है।