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नील मोहन से बिल गेट्स तक, टेक दुनिया के बॉस भी नहीं चाहते अपने बच्चे डिजिटल जाल में फंसे

नील मोहन तीन बच्चों के पिता हैं और वे हमेशा पैरेंटल कंट्रोल टूल्स जैसे YouTube Kids का उपयोग करने की सलाह देते रहे हैं।

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ऋषभ शर्मा   
Last Updated- December 14, 2025 | 6:22 PM IST

दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म्स के बड़े अधिकारियों ने अपने बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखने का फैसला किया है। लगातार बढ़ते मानसिक स्वास्थ्य जोखिम और स्क्रीन टाइम के नुकसानों को देखते हुए, ये टेक बॉस अपने घर में डिजिटल सीमाएं कड़ाई से लागू कर रहे हैं।

क्यों नहीं सोशल मीडिया

YouTube के सीईओ नील मोहन ने हाल ही में अपने बच्चों की सोशल मीडिया की उपयोग पर रोक लगाने की बात स्वीकार की। मोहन ने कहा कि उनके परिवार में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बच्चों का समय सीमित है। उन्होंने बताया, “हम सप्ताह के दिनों में ज्यादा सख्ती रखते हैं, जबकि वीकेंड पर थोड़ा लचीला रवैया अपनाते हैं। हम परफेक्ट नहीं हैं, लेकिन संतुलन बनाए रखना जरूरी है।”

नील मोहन तीन बच्चों के पिता हैं और वे हमेशा पैरेंटल कंट्रोल टूल्स जैसे YouTube Kids का उपयोग करने की सलाह देते रहे हैं, जो बच्चों के लिए सुरक्षित और मनोरंजक कंटेंट उपलब्ध कराता है।

अध्ययनों की मानें तो

कई शोध बताते हैं कि ज्यादा सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले किशोरों में चिंता, अवसाद और नींद संबंधी समस्याएं ज्यादा होती हैं। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉनाथन हैइट का कहना है कि स्मार्टफोन सिर्फ फोन नहीं हैं, बल्कि एक ऐसा उपकरण है जिससे दुनिया आपके बच्चों तक पहुंच सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि बच्चों को 14 साल तक स्मार्टफोन और 16 साल तक सोशल मीडिया से दूर रखना चाहिए।

अमेरिका के सर्जन जनरल और अमेरिकन साइकॉलॉजिकल एसोसिएशन के कई अध्ययन भी बताते हैं कि अत्यधिक सोशल मीडिया इस्तेमाल से आत्म-सम्मान कम हो सकता है, साइबरबुलिंग और ध्यान संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

ऑस्ट्रेलिया ने लिया कड़ा कदम

हाल ही में ऑस्ट्रेलिया दुनिया का पहला देश बना, जिसने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया। इस कदम को जनता का समर्थन मिला है, एक सर्वे में 77 प्रतिशत लोग इस निर्णय के पक्ष में थे।

इस कानून ने वैश्विक चर्चा को तेज कर दिया है। यूके, यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी बच्चे की उम्र जांच और सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए नियमों पर विचार हो रहा है।

अन्य टेक्स्ट नेता भी समान विचार रखते हैं

नील मोहन अकेले नहीं हैं। पूर्व YouTube सीईओ सुज़ान वोजसिकी ने भी अपने बच्चों को मुख्य YouTube प्लेटफॉर्म से दूर रखा और उन्हें केवल YouTube Kids तक सीमित किया।

Microsoft के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने भी अपने बच्चों को किशोरावस्था तक स्मार्टफोन नहीं दिया। अरबपति उद्यमी मार्क क्यूबन ने तो घर पर नेटवर्क कंट्रोल और मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर लगा रखा है, ताकि बच्चे किन ऐप्स का उपयोग करें और कब डिवाइस बंद हो, यह नियंत्रित किया जा सके।

महत्व

टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म बनाने वाले खुद अपने बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखते हैं, यह सवाल उठाता है कि ये प्लेटफॉर्म बच्चों के लिए कितने सुरक्षित हैं। जैसे-जैसे सरकारें कड़े नियमों पर विचार कर रही हैं और माता-पिता मार्गदर्शन मांग रहे हैं, तकनीकी कंपनियों का निजी और सार्वजनिक रवैया अलग दिखना लगातार चर्चा का विषय बन रहा है।

First Published : December 14, 2025 | 6:22 PM IST