अर्थव्यवस्था

India-US Trade Talks: अमेरिकी टीम ने भारत के डिजिटल डेटा सुरक्षा कानून और IT नियमों पर जताई चिंता

उनकी एक चिंता डीपीडीपी अधिनियम के कार्यकारी नियमों के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित डेटा स्थानीयकरण मानदंड भी थी

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श्रेया नंदी   
आशीष आर्यन   
Last Updated- December 12, 2025 | 11:08 PM IST

अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) रिक स्विट्जर के नेतृत्व वाली अमेरिकी व्यापार टीम ने भारत के डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा (डीपीडीपी) अधिनियम और 2021 के सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत कार्यकारी नियमों पर चिंता जताई है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल और भारतीय पक्ष के मुख्य वार्ताकार दर्पण जैन के साथ बुधवार और गुरुवार को नई दिल्ली में हुई बैठकों के दौरान अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने डीपीडीपी अधिनियम और आईटी नियमों से संबंधित कुछ खास प्रावधानों को अमेरिकी कंपनियों के लिए गैर-शुल्क बाधाओं के रूप में चिह्नित किया। उनकी एक चिंता डीपीडीपी अधिनियम के कार्यकारी नियमों के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित डेटा स्थानीयकरण मानदंड भी थी।

इन नियमों में कहा गया है कि डेटा के सीमा पार हस्तांतरण की अनुमति होगी, मगर सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति किसी भी समय यह तय कर सकती है कि किसी खास डेटा को भारत के बाहर स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।   

अमेरिकी पक्ष द्वारा उठाया गया एक अन्य मुद्दा सोशल मीडिया और इंटरनेट मध्यस्थों के लिए 2021 के आईटी नियमों के तहत निर्धारित सख्त अनुपालन मानदंड भी था। इन नियमों के अनुसार, सभी कंपनियों को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ चौबीसों घंटे तालमेल बिठाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने और उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर ध्यान देने की जरूरत है। इन मानदंडों का अनुपालन न करने और सामग्री को तत्काल हटाने जैसे अन्य प्रावधानों को नजरअंदाज करने पर इंटरनेट मध्यस्थों के कर्मचारियों के लिए जेल और जुर्माने का प्रावधान है।

मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अमेरिकी पक्ष को डिजिटल व्यापार के क्षेत्र में चिंताएं हैं। उन्हें लगता है कि डिजिटल व्य​क्तिगत डेटा सुरक्षा कानून के कुछ पहलू अमेरिकी कंपनियों के लिए गैर-शुल्क बाधा हैं।’ यह भी पता चला है कि भारतीय पक्ष ने अक्टूबर में हुई वार्ता के दौरान अपना प्रस्ताव दिया था। उसके बाद यानी अक्टूबर के ​आ​खिर से भारतीय पक्ष लगातार कहता रहा है कि अ​धिकतर मुद्दों पर सहमति बन गई है और बातचीत के एक नए दौर की कोई जरूरत नहीं है।

दूसरी ओर अमेरिकी टीम इस बात पर जोर दे रही है कि कृषि से संबंधित बाजार पहुंच, डिजिटल व्यापार और गैर-शुल्क बाधाएं जैसे कुछ मुद्दों को सुलझाया जाना अभी बाकी है। इसके अलावा कुछ कानूनी पहलुओं पर भी काम करने की आवश्यकता है। भारत इस कैलेंडर वर्ष के अंत से पहले द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण को अंतिम रूप देना चाहता है। मगर नई दिल्ली में हुई बैठकों और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के बावजूद व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिए जाने के बारे में फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है।

गोयल ने गुरुवार को कहा था कि भारत किसी खास समय-सीमा के साथ अमेरिका से व्यापार समझौते पर बातचीत नहीं कर रहा है। अगर अमेरिका भारत के प्रस्ताव से खुश है तो उसे समझौते पर हस्ताक्षर करना चाहिए। गोयल यूएसटीआर जैमीसन ग्रीर की उस टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें कहा गया था अमेरिका को भारत से अब तक का सबसे अच्छा प्रस्ताव मिला है, लेकिन भारत कुछ कृषि वस्तुओं तक बाजार पहुंच का विरोध कर रहा है।

First Published : December 12, 2025 | 10:49 PM IST