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लोकतंत्र पर मंडराता अदालती खतरा

न्यायपालिका ने लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने वाली नियंत्रण एवं संतुलन की नाजुक व्यवस्था को जिस प्रकार किनारे कर दिया है, उससे देश को न्यायिक अतिक्रमण के दौर में जाता देख रहे हैं आर. जगन्नाथन