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उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

लेखक : लवीश भंडारी

आज का अखबार, लेख

उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती है

शुल्क वृद्धि की चुनौती से निपटने के लिए हमें क्या करना चाहिए? यह दिक्कत कहीं अधिक गहरी समस्या के संकेतों को रेखांकित करती है: हमारे खेत और हमारी कंपनियां पर्याप्त उत्पादक नहीं हैं और कारोबार की लागत भी इतनी कम नहीं है जो वैश्विक बाजारों के लिए उपयुक्त हो। इस समस्या को हल करने से […]

आज का अखबार, लेख

ई-कॉमर्स और छोटे खुदरा कारोबारियों के सह अस्तित्व के लिए समझदारी भरी नीतियों की दरकार

खुदरा कारोबार की प्रकृति बदल रही है और भारत निस्संदेह वैश्विक     स्तर पर इस बदलाव का अगुआ है। यह स्पष्ट है कि भारतीय उपभोक्ताओं ने ई-कॉमर्स को बहुत बड़े पैमाने पर अपनाया है। उदाहरण के लिए मेरे घर पूरी तरह ऑनलाइन ऑर्डर किए जा रहे हैं। यहां तक कि मेरी घरेलू सहायिका भी […]

आज का अखबार, लेख

AI से सुशासन: भविष्य-सम्मत नीतियों के लिए जरूरी है लचीली व्यवस्था

यह स्पष्ट है कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) टूल्स और असीमित ज्ञान को एकत्रित करने व जटिल विश्लेषण करने की उनकी क्षमता दुनिया के शासन और नीति निर्माण में बहुत अधिक योगदान कर सकते हैं। परंतु क्या ऐसा होगा और अगर होगा तो कब होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार अपनी प्रक्रियाओं […]

आज का अखबार, लेख

खनिजों पर चीनी प्रभुत्व को तोड़ने के लिए अड़चनें दूर करना पर्याप्त नहीं

स्टेल्थ विमान, ड्रोन, कंप्यूटर चिप, इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, निगरानी उपकरण और मोबाइल फोन,  ये सभी ऐसे खास खनिजों पर निर्भर हैं जिन्हें हम क्रिटिकल मिनरल या दुर्लभ खनिज कहते हैं। दुर्भाग्य से भारत में क्रिटिकल मिनरल सीमित मात्रा में हैं और इनके प्रसंस्करण की विशेषज्ञता की भी कमी है। ये ऐसी कमजोरियां हैं, जो हमारी […]

आज का अखबार, लेख

गुणवत्ता नियंत्रण और समझ-बूझ भरी नीति

भारत अपने बाजारों को लगातार खोलता जा रहा है, जिसके साथ अधिक विश्वास भरी, कम प्रतिक्रिया वाली तथा ज्यादा सक्रिय आयात नीति व्यवस्था की शुरुआत हो रही है। यह बदलाव पिछले वर्ष किसी समय आरंभ हो गया था लेकिन पिछले बजट के बाद इसने गति पकड़ी और अब मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) की संभावना ने […]

आज का अखबार, लेख

ट्रंप टैरिफ में भारत के लिए छिपा है अवसर

अमेरिका ने आखिरकार वह टैरिफ लागू कर दिया है जिसकी धमकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप दे रहे थे। सभी उत्पादों पर 10 फीसदी टैरिफ और व्यापार साझेदारों द्वारा लगाए जा रहे शुल्क के बराबर का टैरिफ लागू होने पर अमेरिका को निर्यात होने वाला हमारा काफी सामान पहले से महंगा हो जाएगा। भारत उन देशों में […]

आज का अखबार, लेख, विविध

अनिश्चित जलवायु का कैसे हो नियमन

मानवता की सारी ऊर्जा इन दिनों खुद पर ही लगी हुई है और जलवायु का एजेंडा अब उसकी शीर्ष प्राथमिकताओं में नहीं है। पश्चिम के लोकतंत्रों के पास विकासशील देशों को देने के लिए धन नहीं है, विकासशील देश भी वृद्धि तथा दूसरी प्राथमिकताओं पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं और बाकी कुछ मायने […]

आज का अखबार, लेख

विकसित भविष्य के लिए जरूरी हैं प्लेटफॉर्म

भारत को 2047 तक विकसित बनाने का लक्ष्य मुझे आकर्षित तो करता है मगर अपनी बिरादरी के दूसरे लोगों की तुलना में मुझे संदेह भी अधिक होता है। यह लक्ष्य बेहद करीब नजर आता है, जिसकी वजह से और भी लुभाता है। अगर हम बीते जमाने के मॉडल और सबक आजमाते हैं तो इस लक्ष्य […]

आज का अखबार, लेख

खेल प्रशासन में है सुधार की जरूरत

भारत की पुरुष क्रिकेट टीम का प्रदर्शन इन दिनों घर-घर में चर्चा और विश्लेषण का विषय है। हार के बाद अक्सर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है। खिलाड़ियों, अंपायरों, मैदान और कई बार तो बेचारे कोच और मैनेजरों को भी घर में बैठकर आलोचना करने वाले ऐसे लोगों का सामना करना पड़ता है। इन […]

आज का अखबार, लेख

जलवायु परिवर्तन से सही ढंग से निपटना जरूरी

कॉप 29 बैठकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकसित देश अपने पापों की भरपाई नहीं करेंगे। इसके परिणामस्वरूप भारत तथा अन्य विकासशील देशों को न तो समुचित सहायता मिलेगी और न ही सब्सिडी वाला ऋण मिलेगा। वहां जो कुछ हुआ वह कम से कम मेरे लिए पूरी तरह अपेक्षित था। जिस पैमाने पर […]

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