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लेखक : लवीश भंडारी

आज का अखबार, लेख

जलवायु परिवर्तन से सही ढंग से निपटना जरूरी

कॉप 29 बैठकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकसित देश अपने पापों की भरपाई नहीं करेंगे। इसके परिणामस्वरूप भारत तथा अन्य विकासशील देशों को न तो समुचित सहायता मिलेगी और न ही सब्सिडी वाला ऋण मिलेगा। वहां जो कुछ हुआ वह कम से कम मेरे लिए पूरी तरह अपेक्षित था। जिस पैमाने पर […]

आज का अखबार, लेख

भारत का ऊर्जा भविष्य और छोटे परमाणु संयंत्र

स्मॉल मॉड्यूलर न्यूक्लियर रिएक्टर या एसएमआर में भारत की ऊर्जा की तस्वीर बदल देने की क्षमता है। लेकिन अभी की स्थिति में भारत में एसएमआर से बिजली बनाने का व्यापक कार्यक्रम शुरू करने से पहले काफी कुछ किया जाना है। मगर यह अहम क्यों है? क्योंकि आगे चलकर भारत को हर आठ से 10 वर्ष […]

आज का अखबार, लेख

Opinion | विकसित भारत के लिए तय करें प्राथमिकताएं

वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य हासिल करना सरल नहीं है। किंतु ऐसे अनेक अवसर हैं जिनकी मदद से हम यह लक्ष्य हासिल करने की दिशा में बढ़ सकते हैं। बता रहे हैं लवीश भंडारी क्या 2047 तक देश को विकसित बनाना संभव है? वर्ष 2022 में 2,390 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति […]

आज का अखबार, लेख

शोध और विकास में क्यों पिछड़ जाता है निजी क्षेत्र

संरक्षित बाजार और मजबूत वृद्धि के अनुमानों की वजह से शोध एवं विकास में इजाफा करने को समुचित प्रोत्साहन नहीं मिल पाता। बता रहे हैं लवीश भंडारी भारत में इस बात पर लगभग आम सहमति है कि देश को शोध एवं विकास के क्षेत्र में बहुत अधिक काम करने की आवश्यकता है ताकि हम तेज […]

आज का अखबार, लेख

चुकानी पड़ती है न्यायिक विलंब की आर्थिक कीमत

देश के मुख्य न्यायाधीश ने अदालती मामलों के हल में देर को न्याय न मिलने के रूप में स्वीकार करके अच्छा किया है। न्यायिक विलंब अन्य देशों में भी समस्या है लेकिन दुनिया भर में इसकी सबसे बुरी स्थिति शायद भारत में ही है। विश्व बैंक के डूइंग बिजनेस सर्वे के अनुसार देश में अदालतों […]

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