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लेखक : अरुण मायरा

आज का अखबार, लेख

रोजगार और देखभाल: आबादी के संकट को टालने के क्या हों उपाय?

विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा कहते हैं, ‘गरीबी के ताबूत में कील ठोकनी है तो किसी व्यक्ति को रोजगार दे दो।’ वह आबादी को टाइम बम बताते हुए कहते हैं कि अगले 12-15 साल में उभरते बाजारों में करीब 1.2 अरब लोग (उनमें सबसे ज्यादा भारत में) रोजगार तलाश रहे होंगे मगर नौकरियां मुश्किल […]

आज का अखबार, लेख

मजबूत भारत के लिए विनिर्माण पर हो जोर

अमेरिका को फिर से महान बनाने के लिए डॉनल्ड ट्रंप जो कारोबारी कदम उठा रहे हैं उन्होंने वैश्विक व्यापार व्यवस्था को बुरी तरह झिंझोड़ दिया है। ट्रंप के निशाने पर मुख्यरूप से चीन है। कुछ देश अमेरिका के साथ समझौता करना चाहते हैं। भारत के वार्ताकारों को भी दीर्घकालिक रणनीति को ध्यान में रखकर काम […]

आज का अखबार, लेख

एआई के दौर में मानवीय संवेदनाओं का महत्त्व

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) मानव से निर्देश लेने के बजाय स्वयं अपनी दिशा तय करने लगी है। जानकारी खोजने की आजादी से अब यह निर्णय लेने की आजादी तक पहुंच रही है। महज दो साल पहले आया चैटजीपीटी प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने में आसान है, बात कर सकता है और प्रश्नों के उत्तर दे सकता है। अब […]

आज का अखबार, लेख

लैटरल एंट्री योजना: बाजार, सरकार और समाज के बीच संतुलन की दरकार

सरकार ने विपक्षी दलों के दबाव में उच्च पदों के लिए बाहरी स्तर पर सीधी भर्ती की योजना (लैटरल एंट्री स्कीम) वापस ले ली है क्योंकि इन दलों की शिकायत थी कि इससे ‘पिछड़े वर्ग’ के लिए सरकार में उच्च स्तर पर सेवाएं देने के मौके कम हो जाएंगे। अपने बचाव में तर्क देते हुए […]