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लेखक : अनुप्रेक्षा जैन

आज का अखबार, बैंक

RBI की रिपोर्ट से खुलासा: नकदी को लेकर बैंकों की बढ़ी चिंता, SDF में रिकॉर्ड निवेश

भारतीय रिजर्व बैंक के कुल नकदी लेने के अनुपात में स्थायी जमा सुविधा (स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिल्टी- एसडीएफ) की हिस्सेदारी बढ़ना बैंकों के कोष की एहतियाती मांग की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी ‘स्थायी जमा सुविधा के तीन वर्ष : कुछ अंतर्दृष्टि’ रिपोर्ट में मंगलवार को दी गई। इस रिपोर्ट के लेखक भारतीय रिजर्व बैंक […]

आज का अखबार, कमोडिटी, वित्त-बीमा

सोने पर कर्ज अब होगा महंगा! RBI के नए नियमों से बढ़ेगी लागत, NBFC और बैंकों पर दोहरा दबाव

गोल्ड लोन पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मसौदा दिशानिर्देश अपने मौजूदा स्वरूप में ही लागू हुए तो बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर खर्च का बोझ बढ़ सकता है। बैंकिंग क्षेत्र के लोगों एवं विशेषज्ञों ने यह अंदेशा जताया है। इस मसौदा दिशानिर्देश के अनुसार बैंक और एनबीएफसी को अपनी सभी शाखाओं में […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

ब्याज दरों में कटौती की गति धीमी, बैंक अब जमा दरों में सीमित कमी की ओर बढ़े

मौजूदा नरमी चक्र के दौरान जमा ब्याज दरों में कमी पिछले चक्र की तुलना में अधिक सीमित रह सकती है। ऐसा इसलिए कि नीतिगत रीपो दर में अधिकतम प्रत्याशित कटौती पिछले नरमी चक्र के 250 आधार अंकों की तुलना में करीब 100 आधार अंक ही है। इसके अतिरिक्त प्रमुख बैंकों का ऋण-जमा अनुपात भी उच्च […]

आज का अखबार, आपका पैसा, बाजार, बैंक, वित्त-बीमा, समाचार

सस्ते कर्ज के लिए अभी इंतजार

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक का लक्ष्य नीतिगत रीपो दर में 50 आधार अंक (बीपीएस) की कटौती को जल्द लागू करना है लेकिन बैंकरों का कहना है कि प्रणाली में जमा राशि की तंगी उन्हें जमा दरों को तत्काल कम करने से रोक सकती है। इस वजह […]

आज का अखबार, बैंक, वित्त-बीमा

वित्त वर्ष 2026 में बैंकों के 1.51 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बट्टे खाते में जाने की आशंका

भारत के वाणिज्यिक बैंकों के इस वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26) में 1.51 लाख करोड़ रुपये के फंसे हुए कर्ज को बट्टे खाते में डालने के आसार हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुमान के अनुसार बैंक अपने बहीखाते को दुरुस्त करने के लिए यह कदम उठा सकते हैं। रेटिंग एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष 26 […]

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