पोलाक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को भी नहीं बख्शा और उन्होंने इस तकनीक को लागू करने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं लेने पर खेल की वैश्विक संस्था को लताड़ लगाई है।
इस पूर्व क्रिकेटर का मानना है कि बीसीसीआई डीआरएस से लगातार इनकार इसलिए कर रहा है क्योंकि यह भारतीय बल्लेबाजों के अनुकूल नहीं है।
पोलाक ने दैनिक ुबिजनेस र्डें से कहा, ुुयह बेवकूफाना है कि भारत अकेले इस पर अपनी बात मनवाने मंे सफल रहा लेकिन इससे यह सुझव भी जाता है कि डीआरएस उन टीमों के पक्ष में है जिसमें काफी अच्छे बल्लेबाज र्र्हैं।ंं
पोलाक पिछले हफ्ते कुआलालम्पुर में आईसीसी बोर्ड की बैठक के दौरान बीसीसीआई के डीआरएस का विरोध करने के संदर्भ में प्रतिक्रिया दे रहे थे। बीसीसीआई के विरोध के बाद इस प्रणाली को लागू नहीं किया जा सका जिसमें इनफ्रारेड कैमरों, माइक्रोफोन और गेंद को ट्रैक करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल होता है जिससे अंपायरों को मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, ुुयह प्रणाली भारत के शीर्ष छह .ंबल्लेबाजों.ं के अनुकूल नहीं है। समीक्षा प्रणाली लागू होने के दौरान बल्लेबाज को अलग तरह से खेलना पड़ता है। आप सीमित संख्या में समीक्षा करवा सकते हैं और अगर डीआरएस लागू नहीं है तो कई खिलाड़ी उन फैसलों पर बच जाते हैं जो दूसरी टीम के पक्ष में जा सकते र्र्हैं।ंं
भाषा .ं सुधीर