न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह, न्यायमूर्ति अजय लाम्बा तथा न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह की पूर्ण पीठ ने यह निर्देश स्थानीय अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री तथा पांच अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिया।
अदालत ने इस मामलों में वादकारी तथा पक्षकारों को अपना जवाब दाखिल करने के लिये 23 अगस्त तक का समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 29 अगस्त नियत की।
अदालत ने आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार किये गये लोगों पर चल रहे मुकदमों की तात्कालिक स्थिति का विवरण भी मांगा है।
न्यायालय ने प्रदेश के गृह विभाग के प्रमुख सचिव को आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के आधार पर गिरफ्तार किये गये लोगों से मुकदमे वापस लेने के फैसले सम्बन्धी आदेश को हलफनामे के साथ दाखिल करने के निर्देश दिये हैं।
गौरतलब है कि अदालत ने गत सात जून को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किये गये लोगों से मुकदमे वापस लेने के फैसले सम्बन्धी आदेश पर रोक लगा दी थी।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा तथा न्यायमूर्ति महेन्द्र दयाल की याचिका पर दिया गया था। बाद में इस मामले को पूर्ण पीठ के सुपुर्द कर दिया गया था।
याचिकाकर्ताओं ने अदालत से संदिग्ध आतंकवादियों से मुकदमे वापस लेने के राज्य सरकार के आदेश को निरस्त करने के आदेश देने का आग्रह करने के साथ-साथ अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 321 की वैधानिकता को भी चुनौती दी थी।