Vedanta Share Price: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांत लिमिटेड के शेयर सोमवार (8 सितंबर) को शुरुआती कारोबार में 2 फीसदी से ज्यादा गिर गए। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट एनालिस्ट्स की तरफ से चिंता जताने के बाद चलते आई है। एनालिस्ट्स ने उस रिपोर्ट के बाद ‘चिंता’ व्यक्त की है जिसमें कहा गया है कि यह समूह दिवालिया हो चुकी जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए प्रमुख बोलीदाता बनकर उभरा है।
अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली वेदांता ने कर्ज में डूबी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAIL) के लिए सफल बोली लगाई है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वेदांता ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मंजूरी मिलने पर 4,000 करोड़ रुपये की अग्रिम भुगतान की पेशकश की है। जबकि बाकी राशि अगले 5 से 6 वर्षों में चुकाई जाएगी। इन सब फेक्टर्स के बीच, ब्रोकरेज फर्म नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटी ने वेदांत पर अपनी खरीदारी की सलाह को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज का कहना है कि वेदांता का फोकस अपने मुख्य कारोबारों पर बना रहेगा।
नुवामा ने वेदांता (Vedanta) पर अपनी ‘BUY‘ रेटिंग को बरकरार रखा है। ब्रोकरेज ने स्टॉक पर 601 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह, शेयर 445 रुपये के मौजूदा भाव से 35 फीसदी का अपसाइड दिखा सकता है।
ब्रोकरेज ने कहा, ”हमारा मानना है कि वेदांता का फोकस अपने मुख्य कारोबार (जैसे पावर सेक्टर) पर बना रहेगा और समय के साथ कंपनी अन्य एसेट्स को मोनेटाइजेशन कर सकती है। हालांकि, इस समय जब कंपनी की प्राथमिकता कर्ज कम करना (deleveraging) होनी चाहिए। इसलिए ऐसे समय में असंबंधित कारोबार में प्रवेश करना चिंता का विषय है।”
ब्रोकरेज ने कहा कि हम समाधान योजना (resolution plan) के अंतिम रूप का इंतजार कर रहे हैं ताकि उसे अपने अनुमानों में शामिल कर सकें। फिलहाल हम स्टॉक पर ‘BUY’ रेटिंग बनाए रखते हैं।
Also Read | विदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम
वेदांत लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इंटीग्रेट ‘एडजस्ट’ नेट प्रॉफिट 13 फीसदी बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस तिमाही में रेवेन्यू बढ़ने से लाभ में वृद्धि हुई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 4,433 करोड़ रुपये का नेट लाभ अर्जित किया था। तिमाही में कंपनी का रेसेबती बढ़कर 37,434 करोड़ रुपये हो गया जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 35,239 करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन अवधि में वेदांत का खर्च बढ़कर 32,756 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 30,772 करोड़ रुपये था। वेदांत के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, पहली तिमाही का यह प्रदर्शन आने वाले समय के लिए एक मजबूत बुनियाद तैयार करता है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)