प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में लगातार चौथी तिमाही में गिरावट आई है क्योंकि बढ़े हुए बाजार मूल्यांकन के कारण भारतीय कंपनी जगत को कम शेयर गिरवी रखकर उधार लेने में मदद मिली।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषण के अनुसार मार्च 2024 की तिमाही के आखिर में कुल प्रवर्तक शेयरधारिता के प्रतिशत के तौर पर गिरवी शेयर घटकर 1.1 फीसदी रह गए जो दिसंबर तिमाही में 1.17 फीसदी रहे थे।
प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों की वैल्यू 1.96 लाख करोड़ रुपये रही, जो बीएसई 500 इंडेक्स के कुल बाजार पूंजीकरण का करीब 0.56 फीसदी है।
मार्च 2024 की तिमाही के आखिर में बीएसई 500 इंडेक्स 4.3 फीसदी चढ़ा जबकि मार्च 2024 में समाप्त 12 महीने में इसमें 32 फीसदी की उछाल आई। जून 2023 की तिमाही से प्रवर्तकों के गिरवी शेयर लगातार घट रहे हैं।
बीएसई 500 इंडेक्स में शामिल 73 कंपनियों के प्रवर्तकों ने मार्च 2024 की तिमाही में अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा गिरवी रखा जबकि जून 2023 में ऐसी कंपनियों की संख्या 86 से कम है। इनमें से किसी भी कंपनी की 75 फीसदी से ज्यादा होल्डिंग गिरवी नहीं रखी गई।
बीएसई 500 के शेयरों में मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज, एरिस लाइफसाइंसेज, अशीक लीलैंड, जुबिलैंट फूडवर्क्स और लॉयड मेटल्स ने प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में बढ़ोतरी दिखी।
दूसरी ओर, कल्पतरू प्रोजेक्ट्स, भारत फोर्ज, जीएमआर एयरपोर्ट्स, लेमन ट्री और टाटा कम्युनिकेशंस ने गिरावट देखी। किसी भी कंपनी ने मार्च 2024 की तिमाही के दौरान नई गिरवी की खबर नहीं दी।