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10% KCC खातों को ही लाभ! उन्हीं किसानों को मिलेगा फायदा, जिसका रिकॉर्ड सही

31 मार्च 2024 तक मत्स्यपालन के लिए 1.24 लाख और 44.40 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे।

Last Updated- February 04, 2025 | 10:56 PM IST
Farmers

बजट की बड़ी घोषणाओं में शामिल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) में किसानों की ऋण सीमा तीन से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर देने से इसका लाभ सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनका ऋण चुकाने का इतिहास बढ़िया रहा है और वे वाणिज्यिक खेती में शामिल हों। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है। कुल 7.72 करोड़ खाताधारकों में ऐसे किसानों की संख्या करीब 80 लाख ही है।

इसका मतलब यह होगा कि ब्याज छूट के कारण अतिरिक्त सब्सिडी का बोझ वित्त वर्ष 2026 के बजट अनुमान 22,600 करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक होकर करीब 26,000 करोड़ रुपये हो सकता है और इससे बैंकों पर अनावश्यक बोझ भी नहीं पड़ेगा। हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में वित्तीय सेवा के सचिव एम नागराजू ने कहा था, ‘देश भर में संचालित कुल 7.77 करोड़ खेती खातों में से करीब 80 लाख पर ही इसका (ऋण सीमा में वृद्धि का) असर पड़ेगा, खासकर उन लोगों पर जो तीन लाख या उससे अधिक का ऋण लेंगे। इनमें से अधिकतर लेनदारों का ऋण चुकाने का इतिहास शानदार रहा है, इसलिए बैंकों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।’

प्रतिशत के हिसाब से यह देश में कुल केसीसी खाताधारकों का करीब 10.3 फीसदी होगा। अभी भी केसीसी ऋण की सीमा ऋण चुकाने की क्षमता और ग्राहक की कुल ऋण प्रोफाइल के आधार पर समय-समय पर थोड़ी-थोड़ी बढ़ाई जाती है। केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी अल्पकालिक कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को तुरंत और बगैर किसी परेशानी के करने में सक्षम बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की शुरुआत की थी। इससे कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में कार्यशील पूंजी प्रवाह बढ़ाने में मदद मिली है। पिछले साल मार्च तक देश में 7.75 करोड़ केसीसी खाते परिचालन में हैं, जिन पर 9.81 लाख करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। साल 2018-19 में मत्स्य पालन और पशुपालन की कार्यशील पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए केसीसी का विस्तार किया गया था और इसके साथ ही रेहन मुक्त ऋण सीमा को भी बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये किया गया था। 31 मार्च 2024 तक मत्स्यपालन के लिए 1.24 लाख और 44.40 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे।

First Published - February 4, 2025 | 10:56 PM IST

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