facebookmetapixel
Stock Market Outlook: Q2 नतीजों से लेकर फेड के फैसले और यूएस ट्रेड डील तक, ये फैक्टर्स तय करेंगे बाजार की चालअनिल अग्रवाल की Vedanta ने $500 मिलियन बांड जारी कर कर्ज का बोझ घटायाMaruti Suzuki के दम पर भारत का वाहन निर्यात 18% बढ़ा: SIAMअदाणी की फंडिंग में US इंश्योरर्स की एंट्री, LIC रही पीछेMCap: टॉप 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.55 ट्रिलियन बढ़ा, रिलायंस-TCS के शेयर चमकेDelhi Weather Update: दिल्ली में हवा हुई जहरीली, AQI 325 तक पहुंचा – CM रेखा ने कहा, ‘क्लाउड सीडिंग जरूरी’सीनियर सिटीजन्स के लिए अक्टूबर में बंपर FD रेट्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे 8.15% तक ब्याजड्यू डिलिजेंस के बाद LIC ने किया अदाणी ग्रुप में निवेश, मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहींकनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरू

पश्चिम-दक्षिण भारत में झमाझम बारिश का अनुमान, मध्य में भी अच्छी वर्षा के संकेत; स्काईमेट ने दी राहतभरी खबर

स्काईमेट के अनुसार जून से सितंबर तक के मॉनसून का एलपीए 868.6 मिलीमीटर रह सकता है और 96 से 104 एलपीए को सामान्य माना जाता है।

Last Updated- April 09, 2025 | 8:57 AM IST
monsoon
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने मंगलवार को कहा कि 2025 में दक्षिण पश्चिम मॉनसून ‘सामान्य’ रह सकता है। उसने मॉनसून के दीर्घावधि के औसत यानी एलपीए के 103 फीसदी रहने का भी अनुमान जताया। इसके पांच फीसदी ऊपर या नीचे रहने की गुंजाइश रखी गई है।

स्काईमेट के अनुसार जून से सितंबर तक के मॉनसून का एलपीए 868.6 मिलीमीटर रह सकता है और 96 से 104 एलपीए को सामान्य माना जाता है। अगर वास्तविक वर्षा पूर्वानुमान से मेल खाती है तो इसका अर्थ यह होगा कि देश के कृषि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर रहने वाली है और सरकार को भी वित्त वर्ष 26 में खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।

सरकारी संस्था भारत मौसम विभाग यानी आईएमडी 2025 के मॉनसून को लेकर अपने पहले आधिकारिक पूर्वानुमान कुछ दिन में जारी करेगी।

2025 के मॉनसून को लेकर पहले आधिकारिक अनुमान पेश करते हुए स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने कहा कि इस वर्ष अल नीनो की संभावना नहीं है। अल नीनो प्रभाव अक्सर भारतीय मॉनसून को प्रभावित करता है। सिंह ने कहा कि ला नीना की उपस्थिति और अल नीनो के प्रभावी न होने से मॉनसून के बेहतर रहने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से अल नीनो सदर्न ऑसिलेशन यानी ईएनएसओ निरपेक्षता तथा इंडियन ओशन डाईपोल से मॉनसून के बेहतर रहने की उम्मीद है। मॉनसून के मौसम का उत्तरार्द्ध, उसके पूर्वाद्ध से बेहतर रह सकता है।’

स्काईमेट का मानना है कि ईएनएसओ और इंडियन ओशन डाईपोल  में तालमेल रहेगा और ये 2025 के दौरान मॉनसून को सुरक्षित रखेंगे। क्षेत्रवार आंकड़ों की बात करें तो स्काईमेट ने कहा कि उसे उम्मीद हेकि पश्चिम और दक्षिण भारत में मॉनसून बेहतर रह सकता है जबकि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के आधारभूत वर्षा निर्भर क्षेत्रों में भी पर्याप्त बारिश हो सकती है।

First Published - April 8, 2025 | 10:39 PM IST

संबंधित पोस्ट