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पहली छमाही में घटा संस्थागत शेयरधारकों का असंतोष

संस्थागत निवेशकों की असहमति को आकर्षित करने वाले अधिकांश प्रस्ताव बोर्ड में बदलाव और पारिश्रमिक से संबंधित थे।

Last Updated- November 25, 2025 | 10:00 AM IST
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वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में कॉरपोरेट प्रस्तावों के खिलाफ संस्थागत शेयरधारकों के 20 फीसदी या उससे ज्यादा मतों का सामना करने वाली कंपनियों के प्रस्तावों की संख्या घटकर 13 फीसदी (12,134 प्रस्तावों में से 1,545) रह गई। यह पिछले साल की इसी अवधि के 16 फीसदी से कम है। प्राइम डेटाबेस समूह के विश्लेषण में यह जानकारी दी गई है।

निफ्टी 50 कंपनियों में 20 फीसदी से अधिक संस्थागत शेयरधारकों द्वारा विरोध किए जाने वाले प्रस्तावों की संख्या घटकर 9 फीसदी रह गई जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 11 फीसदी थी। इस बीच, पूरी तरह अस्वीकृत प्रस्तावों की संख्या पिछले वर्ष के 87 (0.60 फीसदी) से घटकर 63 (0.38 फीसदी) रह गई।

2025-26 की पहली छमाही के दौरान एनएसई में सूचीबद्ध 2,124 कंपनियों ने कुल 16,693 प्रस्ताव रखे, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1,996 कंपनियों के 14,500 प्रस्तावों से 15 फीसदी ज्यादा हैं।

प्राइम डाटाबेस समूह के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, यह उत्साहजनक रुझान है, जो बताता है कि कंपनियां अल्पांश शेयरधारकों के हितों को तेजी से स्वीकार कर रही हैं और प्रस्ताव रखने से पहले शेयरधारकों और प्रॉक्सी सलाहकार फर्मों के साथ उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से संपर्क कर रही हैं।

संस्थागत निवेशकों की असहमति को आकर्षित करने वाले अधिकांश प्रस्ताव बोर्ड में बदलाव और पारिश्रमिक से संबंधित थे। 20 फीसदी से अधिक संस्थागत शेयरधारकों की ओर से विरोध किए गए 1,545 प्रस्तावों में से 1,509 (98 फीसदी) पारित हो गए। हल्दिया ने कहा कि उच्च प्रवर्तक शेयरधारिता यह सुनिश्चित करती है कि विरोध के बावजूद लगभग सभी साधारण और विशेष प्रस्ताव स्वीकृत हो जाते हैं।

First Published - November 25, 2025 | 10:00 AM IST

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