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Input Tax दावे की मियाद का प्रावधान वैध

न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) और 300 ए का उल्लंघन करता है।

Last Updated- September 18, 2023 | 11:02 PM IST
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पटना उच्च न्यायालय ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) कानून के तहत इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दावे की समय सीमा तय करने के प्रावधान की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी है।

केंद्रीय जीएसटी ऐक्ट की धारा 16 (4) और बिहार जीएसटी ऐक्ट में प्रावधान है कि अगर किसी वित्त वर्ष का चालान या डेबिट नोट या रिटर्न प्रस्तुत किया गया है तो अगले वित्त वर्ष के 30 नवंबर के बाद आईटीसी दावे को नहीं माना जाएगा। इसके पहले 30 सितंबर तिथि तय थी, जिसके बाद आईटीसी दावे के भुगतान से इनकार कर दिया जाता था, लेकिन 2022 में प्रावधान में संशोधन किया गया।

न्यायालय में एक याचिका दायर कर अनुरोध किया गया था कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) और 300 ए का उल्लंघन करता है। कुछ तार्किक प्रतिबंधों को छोड़कर अनुच्छेद 19 (1) (जी) में नागरिकों को कोई पेशा, कोई व्यवसाय या कारोबार करने का अधिकार है।

साथ ही अनुच्छेद 300 ए में किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति पर अधिकार के मामले में प्रक्रिया और कानून का पालन करना अनिवार्य होता है। न्यायालय में याचिका दायर करने वालों का कहा था कि जीएसटी कानून के उल्लिखित प्रावधान विवेकाधीन हैं, न कि अनिवार्य। बहरहाल न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद की स्पष्ट शब्दावली को देखते हुए यह प्रविष्टि सही नहीं है।

First Published - September 18, 2023 | 11:02 PM IST

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