टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने आज 17,000 करोड़ रुपये के शेयर पुनर्खरीद कार्यक्रम की घोषणा की। इस पुनर्खरीद के दौरान टाटा संस भी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी में से 2.96 फीसदी शेयर 12,284 करोड़ रुपये में बेचेगी। टीसीएस 1 दिसंबर को पुनर्खरीद शुरू करेगी, जो 7 सितंबर तक चलेगी।
टीसीएस अपनी कुल शेयर पूंजी का 1.12 फीसदी वापस खरीदेगी। कंपनी ने पुनर्खरीद के लिए 4,150 रुपये प्रति शेयर भाव तय किया है, जो आज के बंद भाव 3,471 रुपये से 20 फीसदी अधिक है।
टीसीएस के वित्तीय विवरण के अनुसार सितंबर 2023 के अंत तक टीसीएस के पास 59,677 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी और निवेश था, जो पिछले साल की समान अवधि के 59,290 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा है।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर पुनर्खरीद विवरण के मुताबिक टीसीएस की प्रवर्तक इकाइयां टाटा संस और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (टीआईसी) पुनर्खरीद में हिस्सा लेंगी।
पुनर्खरीद नियमन के अनुसार प्रवर्तक या प्रवर्तक कंपनियां टेंडर ऑफर के जरिये पुनर्खरीद में शामिल हो सकती है। विवरण के मुताबिक टाटा संस 2.96 करोड़ शेयर और टीआईसी 11,358 शेयर बेचेगी। 4,150 रुपये के पुनर्खरीद मूल्य पर टाटा संस को 2.96 करोड़ शेयर से 12,184 करोड़ रुपये (करीब 5 अरब डॉलर) मिलेंगे और टीआई को 4.71 करोड़ रुपये मिलेंगे।
टाटा संस ने 2017, 2021 और 2022 में भी टीसीएस के पुनर्खरीद कार्यक्रम में अपने हिस्से के शेयर बेचे थे। टीसीएस ने मार्च 2022 में अभी तक का सबसे बड़ा 22,000 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद की थी। उस समय 5,500 रुपये प्रति शेयर पर पुनर्खरीद की गई थी। उस समय टाटा संस ने 11,164 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे थे।
नियामकीय सूचना के अनुसार इनसे टाटा संस ने कुल 41,895 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसी तरह टीआईसी को इन पुनर्खरीद कार्यक्रमों से 18.33 करोड़ रुपये मिले हैं।
टीसीएस पुनर्खरीद कार्यक्रम में अपने मौजूदा अधिशेष और/या आंतरिक स्रोत से पैसे का प्रबंध करेगी। टाटा संस के बारे में पिछले कुछ समय से ऐसी खबरें आ रही हैं कि वह टाटा डिजिटल, एयर इंडिया और आईफोन विनिर्माण जैसे अपने नए कारोबार के लिए पूंजी जुटा रही है। पिछली पुनर्खरीद में टाटा संस को 41,895 करोड़ रुपये मिले हैं।
लूथड़ा ऐंड लूथड़ा लॉ ऑफिसेस इंडिया में पार्टनर रूबल बंसल मैनी ने हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा था, ‘मेरी राय में पुनर्खरीद शेयरधारकों को पुरस्कृत करने का सबसे कारगर तरीका है और पुनर्खरीद से मिली रकम पर शेयरधारकों को आयकर भी नहीं चुकाना पड़ता। इसके उलट लाभांश जैसी प्राप्तियों पर कर देनदारी बनती है। इसके साथ ही पुनर्खरीद से यह संदेश भी जाता है कि कंपनी के शेयर का मूल्य अभी कम है।’
बड़े शेयरधारकों के लिए पुनर्खरीद ज्यादा आकर्षक हो सकती है। यही वजह है कि टीसीएस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियां पिछले कुछ साल से लाभांश देने के बजाय पुनर्खरीद को तवज्जो दे रही हैं।
उम्मीद की जा रही है कि टाटा समूह की एक प्रमुख कंपनी बुधवार को एक और बड़ी पुनर्खरीद की घोषणा कर सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शेयर पुनर्खरीद से इस साल भारतीय उद्योग जगत की बैलेंस शीट भी बेहतर हो सकती है।
नियामकीय सूचना में यह भी कहा गया है कि सभी पात्र शेयरधारक अपनी पात्रता के हिसाब से 100 फीसदी तक शेयर बेच सकते हैं।
पुनर्खरीद पूरी होने के बाद प्रवर्तकों और प्रवर्तक कंपनियों की टीसीएस में कुल हिस्सेदारी 72.41 फीसदी रह जाएगी। पुनर्खरीद के बाद कंपनी की सार्वजनिक शेयरधारिता कुल चुकता इक्विटी पूंजी की 27.59 फीसदी होगी।
बीते दो महीने में टीसीएस के शेयरों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। दूसरी तिमाही में निराशाजनक नतीजे जारी करने के बाद अधिकतर आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई थी। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में थोड़ी नरमी आने और निवेशकों के जोखिम क्षमता बढ़ने से ज्यादातर आईटी कंपनियों के शेयरों ने अच्छी वापसी की।