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सुप्रीम कोर्ट ने Google से किया सवाल- भारत और यूरोप के लिए अलग मानक क्यों?

Last Updated- January 17, 2023 | 7:14 AM IST
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सर्वोच्च न्यायालय ने आज गूगल से पूछा कि भारत और अन्य यूरोपीय देशों में एंड्रायड उपकरणों के मानक अलग-अलग क्यों हैं। अदालत ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीाई) के आदेश के खिलाफ गूगल की अपील पर सुनवाई की, जिसके तहत गूगल पर 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना एंड्रायड उपकरणों की प्रभावी स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए लगाया गया है। इस मामले पर बुधवार को फिर से सुनवाई होगी।

गूगल के पास सीसीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए तीन महीने का समय है। यह समयसीमा 19 जनवरी को समाप्त हो रही है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चन्द्रचूड़,न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि गूगल ने समयसीमा समाप्त होने के काफी करीब अपील दायर की है। ऐसे में गूगल ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील प्राधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष रोक लगाने की जल्दबाजी कर दी थी।

सीसीआई की तरफ से पैरवी कर रहे भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन वेंकटरमन ने कहा गूगल ने सीसीआई के फैसले के खिलाफ दिसंबर में समयसीमा समाप्त होने से एक दिन पहले याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि गूगल अपने भारतीय ग्राहकों और अन्य यूरोप जैसे कई देशों के ग्राहकों के बीच भेदभाव कर रही है।

यह कहना गलत होगा कि सीसीआई द्वारा दिया गया 90 दिन का अनुपालन समय गूगल के लिए असंभव है क्योंकि गूगल ने यूरोपीय संघ में इसी समय के दौरान इसका अनुपालन किया है।

वेंकटरमन और ओएसलैब्स टेक्नोलॉजी की तरफ से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने न्यायालय को बताया कि टेक दिग्गज कंपनी गूगल तीसरी दुनिया के देशों जैसे भारत के खिलाफ भेदभाव कर रही है।

अदालत ने गूगल से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि क्या वह भारत में वही नियम लागू करेगी जैसा कि उसने विदेशों में किया था और क्या तकनीकी दिग्गज ने जो कदम उठाए थे, वे सीसीआई के निर्देशों के अनुरूप नहीं थे।

एनसीएलटी ने 4 जनवरी को सीसीआई के अंतरिम आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया। प्राधिकरण ने तकनीकी दिग्गज को भारत में अपने व्यापार मॉडल में परिवर्तन करने का निर्देश दिया।

गूगल की याचिका को स्वीकार करते हुए एनसीएलटी ने गूगल को सीसीआई द्वारा लगाए गए 1,330 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि में राहत देते हुए कुल राशि का 10 फीसदी जमा करने को कहा है। एनसीएलटी में मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होनी है। सीसीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए गूगल के पास तीन महीने का समय था, जो 19 जनवरी को समाप्त हो रहा है।

गूगल द्वारा कानूनी चुनौती में कहा गया है कि सीसीआई अमेरिकी कंपनी को यह बदलने के लिए मजबूर करेगी कि वह अपने एंड्रायड प्लेटफॉर्म की मार्केटिंग कैसे करे।

गूगल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने 11 जनवरी को कहा कि सीसीआई द्वारा असाधारण निर्देश पारित किए गए थे। ‘अनुपालन की तारीख 19 जनवरी थी और हमने दिसंबर में दाखिल किया। उन्होंने कहा, ‘अनुपालन की तारीख आज से लगभग एक सप्ताह बाद है, इसलिए यह बहुत जरूरी है।’

सिंघवी ने कहा कि बिना किसी प्रमाण के गूगल पर जुर्माना लगाया गया और जांच शुरू कर दी गई। उन्होंने कहा कि एनसीएलटी अब अप्रैल में गूगल की याचिका की सुनवाई करेगी और तब सीसीआई के दंड के खिलाफ गूगल की याचिका का कोई मतलब नहीं निकलेगा।

First Published - January 17, 2023 | 7:14 AM IST

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