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किस्तों में हो किसानों को गन्ने का भुगतान: शुगर मिल्स एसोसिएशन

एसोसिएशन ने कहा है कि चीनी मिलें सामान्यतया 5 से 6 महीने तक गन्ने की पेराई करती हैं, लेकिन चीनी की बिक्री अगले 16 से 18 महीनों में हो पाती है।

Last Updated- October 06, 2023 | 11:18 PM IST
Sugar mills are giving attractive offers to farmers and workers demand increase in wages

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चीनी मिलों के ब्याज की लागत कम करने और किसानों को ज्यादा मूल्य सुनिश्चित करने के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) का भुगतान किस्तों में करने की वकालत की है।

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) को लिखे पत्र में एसोसिएशन ने कहा है कि चीनी मिलें सामान्यतया 5 से 6 महीने तक गन्ने की पेराई करती हैं, लेकिन चीनी की बिक्री अगले 16 से 18 महीनों में हो पाती है। ऐसे में उन्हें राजस्व की कमी की वजह से गन्ने का भुगतान 14 दिन में करने में कठिनाई आती है। ऐसे में मिलों को बैंकों से कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ता है, जिससे वे गन्ने का भुगतान कर सकें, जिससे उनकी लागत बढ़ती है।

पत्र में प्रस्ताव किया गया है कि एफआरपी की पहली किस्त का 60 प्रतिशत भुगतान गन्ने की खरीद के 14 दिन के भीतर, 20 प्रतिशत भुगतान पेराई सत्र खत्म होने पर और शेष 20 प्रतिशत भुगतान अक्टूबर में सीजन खत्म होने पर किया जाए।

इस्मा ने कहा है कि अगर एफआरपी का 60 प्रतिशत भुगतान पहली किस्त में किया जाता है तो इस बात की संभावना ज्यादा है कि सभी किसानों को कम से कम 60 प्रतिशत एफआरपी 14 दिन के भीतर मिलना सुनिश्चित हो सकेगा।

First Published - October 6, 2023 | 11:18 PM IST

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