facebookmetapixel
60/40 की निवेश रणनीति बेकार…..’रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने निवेशकों को फिर चेतायाTCS में 26% तक रिटर्न की उम्मीद! गिरावट में मौका या खतरा?किसानों को सौगात: PM मोदी ने लॉन्च की ₹35,440 करोड़ की दो बड़ी योजनाएं, दालों का उत्पादन बढ़ाने पर जोरECMS योजना से आएगा $500 अरब का बूम! क्या भारत बन जाएगा इलेक्ट्रॉनिक्स हब?DMart Q2 Results: पहली तिमाही में ₹685 करोड़ का जबरदस्त मुनाफा, आय भी 15.4% उछलाCorporate Actions Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में होगा धमाका, स्प्लिट- बोनस-डिविडेंड से बनेंगे बड़े मौके1100% का तगड़ा डिविडेंड! टाटा ग्रुप की कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेBuying Gold on Diwali 2025: घर में सोने की सीमा क्या है? धनतेरस शॉपिंग से पहले यह नियम जानना जरूरी!भारत-अमेरिका रिश्तों में नई गर्मजोशी, जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत गोर से नई दिल्ली में की मुलाकातStock Split: अगले हफ्ते शेयरधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी, कुल सात कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट

टीबी जांच के लिए मायलैब के साथ सीरम इंस्टीट्यूट का करार

भारत ने साल 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है ऐसे में बीमारी के सक्रिय होने से पता नहीं चलने वाले टीबी की जांच जरूरी होती है।

Last Updated- October 09, 2023 | 10:45 PM IST
Pandemic propels Serum Institute to the top league table in the domestic pharma market

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस ने मिलकर शुरू में पता नहीं लगने वाले टीबी संक्रमण (LTBI) की जांच के लिए प्वाइंट ऑफ स्क्रीन टेस्ट (सीवाई-टीबी) सोमवार को लॉन्च किया।

कंपनियों का दावा है कि बाजार में मौजूद विकल्पों के मुकाबले यह जांच 50 से 70 फीसदी सस्ती होगी। एसआईआई-मायलैब साझेदारी तमाम उपायों के साथ टीबी के उपचार, इलाज और बचाव पर काम कर रही है।

भारत ने साल 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है ऐसे में बीमारी के सक्रिय होने से पता नहीं चलने वाले टीबी की जांच जरूरी होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर की आबादी का एक-चौथाई हिस्सा माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित है और संक्रमित लोगों में से औसतन 5 से 10 फीसदी को कभी न कभी टीबी होगी।

दुनिया भर के टीबी के मरीजों में भारत की हिस्सेदारी 27 फीसदी है। यह अनुमान जताया गया है कि भारत के 35 से 50 करोड़ लोगों में टीबी का संक्रमण है और हर साल 26 लाख लोगों को टीबी की बीमारी होती है। इसके अलवा पता नहीं चलने वाले टीबी रोग की व्यापकता दर बहुत अधिक है। यह जनसंख्या का करीब 30 से 40 फीसदी है।

विभिन्न अध्ययनों से संकेत मिलता है कि एलटीबीआई का उच्च प्रसार टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या और मृत्यु दर बढ़ने का कारण बनेगा।

मायलैब के प्रबंध निदेशक और सह संस्थापक हंसमुख रावल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि बाजारों में करीब 1,200 से 1,500 रुपये या उससे अधिक में जांच हो जाती है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) ने निक्षय प्लेटफॉर्म पर सीवाई-टीबी जांच को शामिल किया है जो देश के टीबी नियंत्रण करने के प्रयासों में एक बड़ा कदम है।

First Published - October 9, 2023 | 10:45 PM IST

संबंधित पोस्ट