facebookmetapixel
जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तारHaldiram’s की नजर इस अमेरिकी सैंडविच ब्रांड पर, Subway और Tim Hortons को टक्कर देने की तैयारीसोने के 67% रिटर्न ने उड़ा दिए होश! राधिका गुप्ता बोलीं, लोग समझ नहीं रहे असली खेलIndusInd Bank ने अमिताभ कुमार सिंह को CHRO नियुक्त कियाहाई से 40% नीचे मिल रहा कंस्ट्रक्शन कंपनी का शेयर, ब्रोकरेज ने कहा- वैल्यूएशन सस्ता; 35% तक रिटर्न का मौकात्योहारी सीजन में दिखा खरीदारी का स्मार्ट तरीका! इंस्टेंट डिजिटल लोन बना लोगों की पहली पसंदQ2 में बंपर मुनाफे के बाद 7% उछला ये शेयर, ब्रोकरेज बोले – BUY; ₹298 तक जाएगा भावNifty Smallcap में गिरावट की चेतावनी! 3 तकनीकी संकेत दे रहे हैं 5% क्रैश का इशाराक्या Hindalco अब उड़ान भरेगा? एक ब्रोकर ने दिया ₹920 का टारगेट, बाकी रहे सतर्कसोना खरीदने का वक्त आ गया! एक्सपर्ट दे रहे हैं निवेश की सलाह, बोले- अब नहीं खरीदा तो पछताएंगे

आरकैप के लिए दूसरे दौर की बोली मंजूर

Last Updated- March 03, 2023 | 12:01 PM IST
Reliance Capital's acquisition will be completed by the end of January, Hinduja Group will spend Rs 9,861 crore जनवरी के अंत तक पूरा होगा रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण, हिंदुजा ग्रुप खर्च करेगी 9,861 करोड़ रुपये

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील पंचाट (एनसीएलएटी) ने आज दिवालिया वित्तीय सेवा फर्म रिलायंस कैपिटल के लिए बोली लगाने के एक और दौर की अनुमति प्रदान की। इस आदेश से भारतीय ऋणदाताओं को दो बोलीदाताओं – हिंदुजा समूह और अहमदाबाद के टॉरंट समूह से बेहतर प्रस्ताव प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

कानून क्षेत्र के एक सूत्र ने कहा कि टॉरंट समूह इस आदेश सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दे सकता है।

एनसीएलएटी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सीओसी की व्यावसायिक समझ सर्वोपरि है और इसलिए वह एनसीएलटी के आदेश को खारिज कर रहा है।

कंपनी के लिए 8,640 करोड़ रुपये की पेशकश के साथ सबसे बड़े बोलीदाता के रूप में सामने आने के बाद टॉरंट ने दूसरे दौर की नीलामी को रोकने के लिए एनसीएलटी में अपील की थी। नीलामी बंद होने के बाद हिंदुजा ने 9,000 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।

टोरेंट ने एनसीएलएटी में तर्क दिया कि आईबीसी का उद्देश्य अधिकतम मूल्य हासिल करने की आड़ में सीओसी द्वारा आयोजित लंबी बातचीत को रोकना और अवांछित बोलियों तथा मुकदमेबाजी के कारण होने वाली अनावश्यक देर को कम करना था।

दूसरी ओर रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं ने एनसीएलएटी के समक्ष कहा है कि सीओसी को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में सबसे अच्छे मूल्य की तलाश से रोका जा रहा है और राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) ने ऐसे स्तर पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर कार्य किया है, जब हस्ताक्षरित योजनाओं को भी सीओसी के समक्ष विचार के लिए नहीं रखा गया था।

First Published - March 3, 2023 | 12:01 PM IST

संबंधित पोस्ट