facebookmetapixel
ICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणुITC Hotels ने लॉन्च किया प्रीमियम ब्रांड ‘एपिक कलेक्शन’, पुरी से मिलेगी नई शुरुआतनेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल का पड़ोसी दरभंगा पर कोई प्रभाव नहीं, जनता ने हालात से किया समझौताEditorial: ORS लेबल पर प्रतिबंध के बाद अन्य उत्पादों पर भी पुनर्विचार होना चाहिएनियामकीय व्यवस्था में खामियां: भारत को शक्तियों का पृथक्करण बहाल करना होगाबिहार: PM मोदी ने पेश की सुशासन की तस्वीर, लालटेन के माध्यम से विपक्षी राजद पर कसा तंज80 ही क्यों, 180 साल क्यों न जीएं, अधिकांश समस्याएं हमारे कम मानव जीवनकाल के कारण: दीपिंदर गोयल

निकासी और एफपीओ रद्द‍ होने से रुपया टूटा

Last Updated- February 03, 2023 | 9:44 AM IST
Rupee

विदेशी निवेशकों की निकासी और अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ रद्द‍ होने से बाजार का सेंटिमेंट बिगड़ गया और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी दर्ज हुई। डीलरों ने यह जानकारी दी। देसी मुद्रा डॉलर के मुकाबले 82.18 पर बंद हुई, जो बुधवार को 81.93 पर बंद हुई थी। साल 2023 में अब तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 0.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

जनवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की लगातार निकासी होती रही, ऐसे में फेडरल रिजर्व के नीतिगत बयान के बाद अमेरिकी डॉलर की वैश्विक स्तर पर हो रही तेज बिकवाली से रुपया लाभ हासिल करने में नाकाम रहा। उम्मीद के मुताबिक, फेड ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों का इजाफा किया। बाजार के भागीदारों ने हालांकि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की भाषा को नीतिगत सख्ती के चक्र का आखिरी स्तर माना, जिससे देश में बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर में गिरावट आई। भारी उतारचढ़ाव के बाद अदाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल ने बुधवार को 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को रद्द‍ करने का फैसला लिया।

रकम जुटाने की योजना में विदेशी निवेशकों से निवेश की उम्मीद थी, जिससे रुपये को मदद मिली होगी। डीलरों ने यह जानकारी दी।इस हफ्ते अबु धाबी के शाही परिवार की कंपनी इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी ने कहा था कि वह अदाणी के एफपीओ में 40 करोड़ डॉलर निवेश करेगी।

कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (करेंसी डेरिवेटिव) ए बनर्जी ने कहा, आज एफपीआई की तरफ से निकासी हुई, इसके अलावा अदाणी का मामला भी अवधारणा पर निश्चित तौर पर चोट कर रहा है। मैं रुपये को अब डॉलर के मुकाबले 82.60 से 81.80 के दायरे में देख रहा हूं। उन्होंने कहा, एफओएमसी की बैठक के बाद अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में बिकवाली हुई लेकिन रुपये पर इसका असर नहीं दिखा। अल्पावधि में रुपये नाजुक बना रहेगा। कमजोर डॉलर हालांकि उभरते बाजारों की मुद्राओं मसलन रुपये को मजबूती देता है। जनवरी में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 3.8 अरब डॉलर के भारतीय शेयरों की शुद्ध‍ बिकवाली की है। एनएसडीएल के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, विदेशी फंडों की निकासी और हेजिंग करने वालों की तरफ से कॉरपोरेट डॉलर की मांग के बीच भारतीय रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बन गया।

 

First Published - February 3, 2023 | 9:43 AM IST

संबंधित पोस्ट