सार्वजनिक आरंभिक पेशकश (IPO) लाने के लिए अक्टूबर में ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रोस्पेक्टस (डीआरएचपी) की संख्या मजबूत बनी रही, जिससे इक्विटी बाजारों में ताजा उतार-चढ़ाव के बावजूद आईपीओ बाजार में उत्साह का पता चलता है।
अक्टूबर में, 17 कंपनियों ने आईपीओ के लिए अपने आवेदन पेश किए। आवेदनों की संख्या में तेजी ने अगस्त-अक्टूबर 2023 की अवधि को जुलाई-सितंबर 2021 के बाद से डीआरएचपी के लिहाज से तीन महीने की शानदार अवधि बना दिया।
इस साल अगस्त और सितंबर में 13 और 19 डीआरएचपी पेश किए गए थे। डीआरएचपी में पेश किए जाने वाले शेयरों की संख्या, वित्तीय परिणाम और जोखिम कारक जैसी प्रमुख जानकारियां शामिल होती हैं। अक्टूबर में जिन कंपनियों ने अपने डीआरएचपी पेश किए, उनमें कैपिटल स्मॉल फाइनैंस बैंक, पॉपुलर व्हीकल्स ऐंड सर्विसेज और आईनॉक्स इंडिया शामिल हैं।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) द्वारा बिकवली और अक्टूबर में स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में गिरावट के बावजूद डीआरएचपी में तेजी बनी रही।
इस महीने, निफ्टी 1.8 प्रतिशत तक, निफ्टी मिडकैप-100 मिडकैप-100 सूचकांक 4.2 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप-100 सूचकांक 2.2 प्रतिशत तक गिर चुके हैं। एफपीआई करीब 7,477 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे।
बैंकरों ने कहा कि भले ही बाजार में उतार-चढ़ाव बना हुआ है, लेकिन भारतीय बाजारों के लिए संपूर्ण परिदृश्य मजबूत है।
इसके अलावा आईपीओ लाने वाली कई कंपनियां स्मॉलकैप या मिडकैप क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। अक्सर, एफपीआई 1 अरब डॉलर से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करते हैं।
बैंकरों का कहना है कि आप बगैर बड़ी विदेशी भागीदारी के 1,200 करोड़ रुपये तक के निर्गम का प्रबंधन कर सकते हैं। कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में प्रबंध निदेशक वी जयशंकर ने कहा, ‘यह ऐसा बाजार है जिसमें स्मॉल और मिडकैप आईपीओ को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
इस क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों के लिए खासकर घरेलू निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। जब प्रवाह मजबूत हो, सूचकांक चरम पर हो और सभी क्षेत्रों में मूल्यांकन उचित हो तो नया निर्गम आना अच्छा है। शायद आने वाले समय में हम बड़े आकार के निर्गम देखेंगे।’
जयशंकर ने कहा कि वैश्विक तौर पर बाजार अस्थिर हैं, भले ही भारत अच्छी हालत में है। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक वृहद परिदृश्य कमजोर है। ब्याज दरें, मुद्रास्फीति और कच्चे तेल की कीमतें ऊपर हैं। वृद्धि की रफ्तार तेज होनी बाकी है। यही वजह है कि बाजार धारणा बड़े आकार के आईपीओ से अलग है।’
भविष्य में, आईपीओ आवेदनों में तेजी आने की संभावना है और इनमें मिडकैप तथा स्मॉलकैप कंपनियों का दबदबा रह सकता है।
एक बैंकर ने कहा, ‘वर्ष 2022 चुनौतीपूर्ण रहा। कई कंपनियां अपने आईपीओ नहीं ला सकी थीं। ये कंपनियां इस साल अपना भाग्य आजमा सकती हैं। हमने कई प्रतिष्ठित कंपनियों के अनुवर्ती निर्गमों के लिए मजबूत विदेशी निवेशक मांग देखी है। लेकिन आईपीओ अलग हैं। जब बाजार चुनौतीपूर्ण होते हैं तो वे जानी-पहचानी कंपनियों से जुड़ना पसंद करते हैं।’