अमेरिकी एजेंसियों ने सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया है। अनाम सूत्रों के हवाले से बुधवार को फाइनैंशियल टाइम्स में छपी रिपोर्ट में यह दावा किया गया।
अखबार के अनुसार अमेरिकी एजेंसियों ने इस साजिश में कथित तौर पर भारत की संलिप्तता को लेकर अपनी सरकार की चिंताओं के प्रति भारत को चेतावनी जारी की है। इस रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय या नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास की तरफ से फौरी तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
फाइनैंशियल टाइम्स ने कहा है कि सूत्रों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि भारत के प्रति विरोध के कारण षड्यंत्रकर्ताओं ने अपनी मंशा को टाला अथवा फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) ने इस साजिश को नाकाम किया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते जून में राजकीय यात्रा पर अमेरिका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा स्वागत किए जाने के बाद भारत से विरोध दर्ज किया गया था।
यह रिपोर्ट कनाडा के यह आरोप लगाने के दो महीने बाद आई है कि जून में वैंकूवर में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने के ठोस सबूत हैं। भारत ने उसी समय कनाडा के इस आरोप का खंडन किया था।
भारत को कूटनीतिक चेतावनी के अलावा अमेरिकी फेडरल अधिकारियों ने न्यूयॉर्क जिला अदालत में कम से कम एक संदिग्ध के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था। अखबार ने खुलासा किया है कि षड्यंत्रकर्ताओं के निशाने पर गुरपतवंत सिंह पन्नू था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पन्नू ने यह नहीं बताया कि उसे साजिश के प्रति अमेरिकी अधिकारियों ने आगाह किया था या नहीं। हालांकि उसने यह जरूर कहा कि अमेरिकी धरती पर भारतीय एजेंटों से अपनी जान को खतरा होने के मुद्दे पर वह अमेरिका की कार्रवाई का इंतजार करेंगे।
निज्जर की तरह पन्नू भी भारत से अलग खालिस्तान की मांग का समर्थक है। सितंबर में कनाडा की सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से कहा था कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता को उजागर करने के लिए कनाडा अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है।
फाइनैंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा द्वारा भारत पर खुल कर आरोप लगाए जाने के बाद अमेरिका ने सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश के बारे में अपने सहयोगी देशों के साथ विस्तृत जानकारी साझा की थी।