दीवाली से ठीक पहले दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में वायु प्रदूषण (Air Pollution) बढ़ने के कारण कंपनियां अपने कर्मचारियों की सेहत दुरुस्त रखने के लिए खास उपाय करने में जुट गई हैं।
कई कंपनियां हवा की गुणवत्ता में सुधार होने तक कोविड महामारी में आजमाई गई लचीली कार्य व्यवस्था का भी सहारा ले रही हैं। इसी तरह, कई सरकारी एवं निजी कंपनियां हरित तकनीक जैसे इलेक्ट्रिक वाहन एवं सोलर कुकर खरीदने वाले कर्मचारियों को सस्ते ऋण से लेकर कई दूसरी तरह की सुविधाओं की पेशकश कर रही हैं।
उदाहरण के लिए एनटीपीसी अपने कर्मचारियों को एयर प्यूरीफायर, ईवी चार्जर, घरों में इस्तेमाल होने वाले सोलर थर्मल वाटर हीटर और सोलर कुकर आदि खरीदने के लिए अग्रिम रकम दे रही है।
कंपनी अपने 17,000 कर्मचारियों को ईवी (EV) खरीदने के लिए सस्ती दरों पर कन्वेअंस एडवांस भी दे रही है। वायु प्रदूषण बढ़ने से उद्योग जगत ईवी को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
गुड़गांव स्थित ईवी राइड-शेयरिंग कंपनी ब्लूस्मार्ट अपनी सेवाएं कर्मचारियों को कम किराये पर इस्तेमाल करने की इजाजत दे रही है। कंपनी का कहना है कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आबो-हवा खराब होने के बीच कंपनियां आवाजाही के लिए स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले वैकल्पिक साधनों के इस्तेमाल में रुचि लेने लगी हैं। ब्लूस्मार्ट ने कहा कि कंपनियां उसकी व्यवसायों के बीच होने वाले सौदे की पेशकश को भी स्वीकार कर रही हैं।
ब्लूस्मार्ट के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी अनिरुद्ध अरुण का कहना है कि व्यापक लोक हित में कंपनी नीति निर्धारकों और नागरिक समाज के लोगों के साथ साझेदारी बढ़ा रही है।
टाटा मोटर्स में प्रबंध निदेशक, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स ऐंड टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, शैलेश चंद्रा ने कहा कि वायु प्रदूषण का संकट लगाता गहराने के बीच लोग इलेक्ट्रिक वाहन एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं क्योंकि उनसे हानिकारक गैसों का बिल्कुल उत्सर्जन नहीं होता है।
चंद्रा ने कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर, मुंबई एवं अन्य कई शहर में आबो-हवा खराब होने से इलेक्ट्रिक वाहनों के तत्काल इस्तेमाल की जरूरत बढ़ गई है।’ कंपनियां अब इस वास्तविकता को भी स्वीकार कर चुकी हैं कि वायु प्रदूषण बढ़ने से कार्यों पर भी असर होने लगा है।
जेएलएल में जियो हेड ऑफ ऑपरेशंस, वर्क डायनामिक्स (पश्चिम एशिया) एमवीपी कुमार कहते हैं, ‘जलवायु परिवर्तन और खराब मौसम से कर्मचारियों की कार्य क्षमता पर भी नकारात्मक असर होता है। कुमार ने कहा कि वायु प्रदूषण का अंदाजा लगाना मुश्किल है इसलिए उनकी कंपनी अपने कर्मचारियों की सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य एवं कार्य करने की क्षमता बरकरार रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।’
रियल एस्टेट क्षेत्र की यह कंपनी ने अपने कार्यालयों में एयर डक्ट लगा रही है और सूक्ष्मजीवों को दूर रखने के लिए यूवी लैंप का इस्तेमाल कर रही है। हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने एवं इसमें सुधार के लिए कंपनी ने एयर फिल्टर और सेंसर भी लगा चुकी है।
शीतल पेय बनाने वाली कंपनी पेप्सिको इंडिया और रोजमर्रा की जरूरतों के सामान बेचने वाली हिंदुस्तान यूनिलीवर भी अपने कार्यालयों में एयर प्यूरीफायर लगा रही हैं। ये कंपनियां अपने कर्मचारियों को मौजूदा प्रतिकूल हालात में घर और कार्यालय दोनों ही जगहों से सुविधानुसार काम करने की इजाजत दे रही हैं।
टाटा मोटर्स अपने कर्मचारियों को सप्ताह में केवल दो दिन कार्यालय आने के लिए कह रही है। लोगों के घर तक खान-पान पहुंचाने वाली कंपनी स्विगी का कहना है कि वह दिल्ली-एनसीआर में अपने कर्मचारियों के बीच मास्क वितरित करेगी। स्विगी के प्रवक्ता ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने और मास्क लगाने की सलाह दे रही है।